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सी-डॉट और ट्रॉइस इन्फोटेक ने ड्रोन का उपयोग करके चेहरा पहचानने की तकनीक विकसित करने के लिए किया समझौता

ड्रोन का उपयोग करके चेहरा पहचानने वाली प्रौद्योगिकी (प्रतिकात्मक चित्र)

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (Udaipur Kiran) । स्वदेशी, अत्याधुनिक, अगली पीढ़ी की दूरसंचार प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) के तहत प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स (सी-डॉट) ने ड्रोन का उपयोग करके चेहरा पहचानने वाली प्रौद्योगिकी के लिए ट्रॉइस इन्फोटेक के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

संचार मंत्रालय के एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि इस समझौते पर यू.एस.ओ.एफ. (दूरसंचार विभाग) के दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीटीडीएफ) कार्यक्रम के तहत हस्ताक्षर किए गए हैं। इसमें भारत सरकार की कार्यान्वयन एजेंसी सी-डॉट है। यह सहयोग अत्याधुनिक स्वदेशी दूरसंचार प्रौद्योगिकियों और समाधानों के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सी-डॉट के सहयोगी कार्यक्रमों (सीसीपी) के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के साथ संरेखित है। यह योजना भारतीय स्टार्टअप, शिक्षाविदों और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को वित्तपोषित करने के लिए बनाई गई है, जो दूरसंचार उत्पादों और समाधानों के डिजाइन, विकास और व्यावसायीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक के रूप में कार्य करती है। इसका उद्देश्य किफायती ब्रॉडबैंड और मोबाइल सेवाओं की सुविधा प्रदान करना है, जो पूरे भारत में डिजिटल डिवाइड को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

इस समझौते पर एक समारोह के दौरान हस्ताक्षर किए गए, जिसमें सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय, ट्रॉइस इन्फोटेक के जितेश टी. (सीईओ) और नंदकुमार टी.ई. (सीआईओ) के साथ-साथ सी-डॉट के निदेशक डॉ. पंकज दलेला, शिखा श्रीवास्तव और डीओटी के वरिष्ठ अधिकारी, डॉ. पराग अग्रवाल, डीडीजी (टीटीडीएफ) और विनोद कुमार डीडीजी (एसआरआई) भी मौजूद थे।

इस अवसर पर सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने देश की विविधतापूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करने में स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित प्रौद्योगिकियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और आत्मनिर्भर भारत के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

कार्यक्रम में जितेश टी. और नंदकुमार ने अभिनव ड्रोन का उपयोग करके चेहरा पहचानने की तकनीक को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने इस सहयोगी अवसर के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) और टेलीमैटिक्स विकास केंद्र (सी-डॉट) के प्रति आभार व्यक्त किया। इसी बात को दोहराते हुए, सी-डॉट के प्रतिनिधियों ने ड्रोन का उपयोग करके चेहरा पहचानने की तकनीक विकसित करने में इस सहयोगात्मक प्रयास के प्रति अपना उत्साह और प्रतिबद्धता व्यक्त की।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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