धमतरी, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । कुरुद ब्लाक के ग्राम गाड़ाडीह (आर) में गजेंद्र परिवार द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में कथा वाचक युगल कृष्ण महाराज उमरिया बेमेतरा वाले ने कहा कि गोविंद के श्रीचरणों का आश्रय लेना चाहिए। चरण, शरण ग्रहण करना ही परम धर्म है। भागवत कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति हाेती है।सदैव हमें संतों की शरण में जाकर भगवान का भजन करना चाहिए, क्योंकि भगवान का स्मरण करने से मन पवित्र होता है, साथ ही घर का कोई भी धार्मिक आयोजन हो उसे स्वयं आगे होकर सभी कार्य को हमें स्वयं करना चाहिए, क्योंकि स्वयं कार्य करने से पुण्य की प्राप्ति हमें स्वयं मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा कि भागवत में परम धर्म का निरूपण व्यास जी ने किया है। परम धर्म कहता है कि संसार से आसक्ति हटाकर गोंविद के ध्यान करें। भागवत कथा श्रवण में बड़े -बड़े महापापी भी मुक्त हो जाते हैं बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। शरीर में जब तक प्राण है तब तक कथा सुननी चाहिए। ब्रह्मा की उत्तम सृष्टि मनुष्य है। अगर मन में किसी प्रकार का क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष, अहंकार की भावनाएं आ जाए तो हमें कुछ समय निकालकर प्रभु की भक्ति में लीन रहना चाहिए, जिससे हमारे मन के विकार का नाश हो जाता है। तप साधना करने से जीवन में दिव्यता आती है। दुर्लभ मानव तन के द्वारा हरि की भक्ति करनी चाहिए। केवल और केवल हरि ही हमारा है। प्रतिदिन हमें समय निकालकर प्रभु का भजन करना चाहिए। प्रभु के कथाओं को श्रवण कर अपने जीवन उपदेश में स्वीकार करें, जिससे हमारा जीवन सफल हो। आज 22 नवंबर को गीता प्रवचन, तुलसी वर्षा, हवन, सहस्त्रधारा स्नान के साथ कथा का समापन होगा।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा