-हर दिन औसतन डेढ़ लाख से श्रद्धालु करते हैं बाबा महाकाल के दर्शन, अब तक हाे चुकी है 1 अरब 78 करोड़ रुपये की आय
उज्जैन, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । इस साल 31 दिसंबर तक बाबा महाकाल के दरबार में 5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु मत्था टेक चुके होंगे। क्याेंकि मंदिर में रोजाना औसतन डेढ़ लाख श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। इस लिहाज से साल के अंत तक बाबा के दरबार पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 5 कराेड़ के पार
पहुंच जाएगा और इस वर्ष मंदिर को सभी स्त्रोतों से दो अरब रुपये की आय होने की संभावना है। अभी तक मंदिर काे कुल अनुमानित आय एक अरब 78 करोड़ रुपये हुई है।
मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ के अनुसार 31 दिसंबर तक श्रद्धालुओं की संख्या में और भी बढ़ोतरी होगी। क्याेंकि रोजाना करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु दर्शन कर लेते हैं।इस अनुमान के मुताबिक कि 01 जनवरी से 31 दिसंबर, 2024 यह आंकड़ा 5 करोड़ से भी अधिक हो जाएगा। इस तरह से इस वर्ष मंदिर को सभी स्त्रोंतों से दो अरब रुपये की आय होने की संभावना है। उन्हाेंने कहा कि आंकड़ा बढ़ सकता है, यह घटेगा नहीं।
दरअसल, महाकाल मंदिर में भस्मार्ती दर्शन के दौरान चलित भस्मार्ती दर्शन भी होते हैं। इसके अलावा रात्रि शयन आरती तक दर्शन का सिलसिला जारी रहता है। चूंकि गर्भगृह में प्रवेश पूर्णत: निषेध है, अत: नंदी गृह के पिछे पीतल के बैरीकेड्स से श्रद्धालुओं का कतारबद्ध होकर घूमते हुए दर्शन करना जारी रहता है। यही कारण है कि रोजाना करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु दर्शन कर लेते हैं।
महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक धाकड़ ने मंगलवार को मंदिर में दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा भेंट पेटी में दान करने के अलावा शीघ्र दर्शन टिकट, भस्मार्ती टिकट, फोटोग्राफी टिकट भी क्रय किया जाता है। इसी प्रकार अनेक श्रद्धालुओं द्वारा अन्न क्षेत्र में दान किया जाता है। धर्मशाला में श्रद्धालु ठहरते हैं, यहां से भी मंदिर समिति को आय होती है। इस प्रकार अन्य मदों में भी आय होती है। लड्डू प्रसादी विक्रय भी समिति की आय का एक बड़ा स्त्रोत है। अनेक श्रद्धालु बाबा महाकाल के चरणों में सोने-चांदी के आइटम भेंट करते हैं, जिनको मंदिर के कोषालय में उनकी दान करते वक्त की कीमत के आधार पर एंट्री करके रखा जाता है। इस प्रकार वर्षभर में (01 जनवरी से 31 दिसंबर, 24) मंदिर से सभी मदों में करीब दो अरब रुपये की आय की संभावना है। अभी तक मंदिर को इन सभी मदों से करीब पौने दो अरब की आय हो चुकी है।
प्रशासक धाकड़ ने बताया कि मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कलेक्टर नीरज कुमार सिंह को गत 13 दिसंबर तक की जो सूची उपलब्ध करवाई गई थी, उसके अनुसार चालू अंग्रेजी वर्ष में सभी स्त्रोतों से अनुमानित आय इस प्रकार है- – भेंटपेटी से आय : 43 करोड़ 85 लाख रुपये।- शीघ्र दर्शन से आय : 49 करोड़ रुपये। – भस्मार्ती बुकिंग से आय : 10 करोड़ रुपये। – अभिषेक से आय : 5 करोड़ 93 लाख रुपये। – अन्नक्षेत्र से आय : 12 करोड़ 32 लाख रुपये। – धर्मशाला बुकिंग से आय : 5 करोड़ 90 लाख रुपये। – भांग एवं ध्वजा बुकिंग से आय : 8 लाख रुपये। – उज्जैन दर्शन बस सेवा से आय : 7 लाख 28 हजार रुपये। – अन्य आय : 24 करोड़ रुपये- कुल अनुमानित आय : 1 अरब 78 करोड़ रुपये।
अलावा सोने-चांदी से भी हुई आय- महाकाल मंदिर में भक्तगण देश-विदेश से आते हैं और बाबा के चरणों में सोने-चांदी के आभूषण आदि भेंट करते हैं। धाकड़ के अनुसार चालू वर्ष में भक्तों द्वारा करीब 3 करोड़ रुपये के आभूषण दान किए गए। —————
(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल