
डर से अलमारी में छिपी महिला, नगर निगम से कार्रवाई की मांग
फरीदाबाद, 26 मार्च (Udaipur Kiran) । फरीदाबाद में डबुआ के सी ब्लॉक में बुधवार सुबह एक घर में अचानक एक सांड और गाय घुसने से हडक़ंप मच गया। गाय तो बरामदे में ही रुक गई, लेकिन सांड सीधे अंदर जाकर बेडरूम में घुस गया। बेड पर चढक़र हंगामा मचाने लगा। इस दौरान घर के अंदर पूजा कर रही महिला डर के मारे अलमारी में छिप गई और फोन कर घटना की जानकारी दी। जानकारी के अनुसार घटना सुबह करीब 11 बजे की है।
राकेश साहू की पत्नी सपना साहू घर के अंदर पूजा कर रही थीं, तभी अचानक सांड कमरे में घुस आया। घबराकर उन्होंने खुद को लकड़ी की अलमारी में बंद कर लिया और फोन कर अपने पति को सूचना दी। राकेश कुमार साहू, जो चॉकलेट सप्लाई का काम करते हैं। राकेश साहू ने बताया कि घटना के समय घर में छोटे बच्चे मौजूद नहीं थे, वे पास में ही अपनी बुआ के घर गए हुए थे। अगर बच्चे घर पर होते, तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। वहीं, घर के पास ही उनकी माता एक परचून की दुकान चलाती हैं। घटना के वक्त घर का मुख्य दरवाजा थोड़ा खुला रह गया था, जिससे गाय और सांड अंदर आ गए। सांड ने घर के अंदर डेढ़ घंटे तक उत्पात मचाया। बेड, फर्नीचर और अन्य सामान को नुकसान पहुंचाया। पड़ोसियों ने मिलकर लाठी-डंडे, पानी फेंककर और पटाखे फोडक़र उसे बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन सांड टस से मस नहीं हुआ। आखिरकार, बाहर खड़ी गाय को जब बाहर भगाया गया तो उसे देखकर सांड कमरे से बाहर निकला और गली की ओर भाग गया। राकेश साहू ने बताया कि इलाके में पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।
गली में आवारा सांडों और गायों का झुंड अक्सर आपस में लड़ता रहता है, जिससे गलियों में खड़ी गाडिय़ों और दुकानों को नुकसान होता है। कई बार नगर निगम से शिकायत की गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कुछ लोग सुबह-शाम इन गायों का दूध निकालकर उन्हें यूं ही खुला छोड़ देते हैं, जिससे ये समस्या और बढ़ जाती है। लोगों ने नगर निगम से मांग की है कि आवारा गायों और सांडों को पकडक़र गोशाला में भेजा जाए, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। नगर निगम के एक्सईएन ओमदत्त ने कहा कि घरों के अंदर गोवंश का घुस जाना दुखद है क्योंकि इसमें जानमाल का नुकसान हो सकता है। कोई व्यक्ति घायल भी हो सकता है। जिन व्यक्तियों के यह गोवंश होते हैं उनसे भी अपील है कि अपने गोवंशों को ऐसे ना छोड़े।
(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर
