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बिल्ड भारत एक्सपो 2025 का आगाजः केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एमएसएमई को बताया देश की आर्थिक रीढ़

नई दिल्लीः बिल्ड भारत एक्सपो 2025 के उद्घाटन अवसर पर बुधवार को भारत मंडपम में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी

नई दिल्ली, 19 मार्च (Udaipur Kiran) । देश के प्रमुख औद्योगिक मेले बिल्ड भारत एक्सपो 2025 का बुधवार को यहां भारत मंडपम में भव्य शुभारंभ हुआ। इस तीन दिवसीय आयोजन को भारतीय उद्योग संघ (आईआईए) द्वारा एमएसएमई क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। एक्सपो का मकसद उद्योगों के लिए नए व्यापार अवसरों को बढ़ावा देना, नीतिगत चर्चाओं को प्रोत्साहित करना और वैश्विक साझेदारियों को मजबूत करना है।

केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने एक्सपो का उद्घाटन करते हुए छोटे और मझोले उद्योगों की अहमियत पर जोर दिया। इस अवसर पर 20 देशों के राजदूतों और व्यापार आयुक्तों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के दिग्गजों और उद्यमियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। एक्सपो में 151 से अधिक कंपनियों ने अपने उत्पादों और तकनीकों का प्रदर्शन किया, जबकि ऑस्ट्रिया, मलेशिया, रूस, ईरान, कनाडा और आइसलैंड सहित 34 देशों के व्यापार प्रतिनिधिमंडल इसमें भाग ले रहे हैं।

अपने भाषण में मांझी ने रोजगार, नवाचार और ग्रामीण विकास में एमएसएमई की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यदि भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनना है, तो छोटे उद्योगों को मजबूती देना अनिवार्य है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सिर्फ बड़े उद्योग भारत को आर्थिक महाशक्ति नहीं बना सकते, असली और स्थायी विकास तभी संभव होगा, जब एमएसएमई फलेंगे-फूलेंगे, रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगे और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने पैर जमाएंगे।

उन्होंने सरकार की कई प्रमुख योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का भी जिक्र किया, जो कारीगरों और छोटे व्यवसायों को वित्तीय सहायता और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है। इसी के साथ उन्होंने उद्यम और उद्यम असिस्ट पोर्टल्स का लाभ उठाने की भी अपील की, जो व्यापार पंजीकरण और नीति समर्थन को आसान बनाते हैं।

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री ने कहा कि वे लीजहोल्ड औद्योगिक भूमि को फ्रीहोल्ड में बदलने के पक्ष में हैं और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि सरकार जल्द ही राष्ट्रीय एमएसएमई नीति लेकर आएगी, जिसमें आईआईए द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही, नेशनल एमएसएमई बोर्ड के पुनर्गठन की प्रक्रिया जल्द पूरी होगी, जिसमें आईआईए को भी महत्वपूर्ण भूमिका दी जाएगी।

आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल ने अपने सम्बोधन में उद्योग जगत के लीडर्स और नीति-निर्माताओं का स्वागत किया और एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत करने के लिए ठोस नीतिगत सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र की खरीद में एमएसएमई कोटा 25% से बढ़ाकर 40% करने, औद्योगिक भूमि के लिए एक समान फ्रीहोल्ड नीति लागू करने और नेशनल एमएसएमई बोर्ड में आईआईए को प्रतिनिधित्व देने की मांग की। उन्होंने वैश्विक व्यापार की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए बताया कि एक पूर्व प्रदर्शक को इसी तरह के एक एक्सपो से ₹18 करोड़ का ऑर्डर मिला था।

उत्तर प्रदेश के कौशल विकास मंत्री एवं समारोह के विशिष्ट अतिथि कपिल देव अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की औद्योगिक विकास के बारे में प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद भारतीय उद्योगों को न्यूनतम व्यवधान का सामना करना पड़ा, और सरकार ने उद्यमों को वित्तीय और नीतिगत समर्थन प्रदान किया। उन्होंने यह भी कहा कि एमएसएमई और स्किल डेवलपमेंट एक-दूसरे के पूरक हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के आईटीआई (ITI) संस्थानों को आधुनिक तकनीक से लैस कर रही है, ताकि वे उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप हों।

आईआईए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश गोयल ने अपने स्वागत भाषण में सरकार द्वारा एमएसएमई क्षेत्र के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हाल के केंद्रीय बजटों में एमएसएमई क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं, जिससे छोटे और मझोले उद्यमों को नई मजबूती मिलेगी।

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(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव

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