
जम्मू, 6 मई (Udaipur Kiran) । भारत तिब्बत सहयोग मंच (बीटीएसएम) ने जम्मू के तालाब तिल्लो में बड़े उत्साह के साथ अपना 26वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर केक काटकर समारोह आयोजित किया गया और तिब्बती स्वतंत्रता के लिए संगठन की अटूट प्रतिबद्धता की जोरदार पुष्टि की गई।
इस अवसर पर बीटीएसएम के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विवेक शर्मा ने 5 मई, 1999 को धर्मशाला में संगठन की साधारण शुरुआत को याद किया। उन्होंने कहा उस समय, स्वतंत्र तिब्बत का विचार अकल्पनीय लगता था। लेकिन आज तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए आवाज दुनिया भर में जोर पकड़ चुकी है। उन्होंने वैश्विक जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए बीटीएसएम को श्रेय दिया और पिछले 26 वर्षों की यात्रा और उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त किया।
डॉ. शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि तिब्बत ऐतिहासिक रूप से कभी भी चीन का हिस्सा नहीं रहा है और दोहराया कि चीन भारत का स्वाभाविक सहयोगी नहीं है। उन्होंने लोगों को शिक्षित करने और तिब्बती स्वतंत्रता के लिए आंदोलन को मजबूत करने के लिए बीटीएसएम के निरंतर प्रयासों की पुष्टि की और कहा कि एक दिन तिब्बत और कैलाश मानसरोवर को मुक्त कर दिया जाएगा जिससे भारत की सुरक्षा और संप्रभुता बढ़ेगी। बीटीएसएम (जेकेयूटी) के उपाध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा ने भी इसी तरह की भावनाओं को दोहराया और संगठन के विस्तार के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि इंद्रेश के मार्गदर्शन में शुरू किया गया अभियान अब जमीनी स्तर पर लामबंदी, स्थानीय इकाइयों के गठन और भारत और विदेशों में जनता तक सीधे पहुंच के माध्यम से तेज किया जाएगा। कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख सदस्यों में आलोक महाजन, महासचिव (जम्मू जिला इकाई), डॉ. कुलदीप शर्मा, डॉ. रोहित सदोत्रा, राकेश सांगरा, विशाल शर्मा और अन्य शामिल थे जिन्होंने इस उद्देश्य के लिए अपना समर्थन दोहराया और जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
