कोलकाता, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 4.36 करोड़ रुपए मूल्य के 5.9 किलो सोने के 50 बिस्कुट जब्त किए हैं। इस मामले में एक सिविल इंजीनियर को पकड़ा है। यह कार्रवाई बीएसएफ की 5वीं बटालियन के जवानों ने तेंतुलबेरिया सीमा चौकी के अंतर्गत अंचलपाड़ा गांव में की।
बीएसएफ ने मंगलवार को बताया कि 18 नवंबर 2024 को बीएसएफ को टेंटुलबेरिया सीमा चौकी से लगभग 2700 मीटर पीछे अंचलपाड़ा/पोंचपोटा गांव में सोने की तस्करी की सूचना मिली। सूचना के आधार पर बीएसएफ जवानों ने संदिग्ध स्थान पर छापा मारा। बीएसएफ को देख आरोपित ने अपने घर के पिछले गेट से भागने की कोशिश की, लेकिन मुस्तैद जवानों ने उसे रोकने की चुनौती दी। जब वह नहीं रुका, तो एक जवान ने हवा में चेतावनी के तौर पर गोली चलाई, जिसके बाद आरोपित घबरा गया और उसे पकड़ लिया गया।
आरोपित की तलाशी के दौरान उसके पास से सिंथेटिक कैरी बैग में रखे काले कपड़े की बेल्ट में लिपटे 50 सोने के बिस्कुट बरामद हुए। इन बिस्कुटों का कुल वजन 5.9 किलो है और उनकी अनुमानित कीमत 4.36 करोड़ रुपये आंकी गई है। आरोपित और जब्त सोने को बीएसएफ की तेंतुलबेरिया चौकी लाया गया और पूछताछ के दौरान आरोपित ने कई खुलासे किए।
पूछताछ में पता चला कि आरोपित एक सिविल इंजीनियर है, जो जल्दी पैसा कमाने की चाह में तस्करी के धंधे में शामिल हो गया। उसने बताया कि सोने की खेप उसे 1-2 घंटे तक अपने पास रखनी होती थी, जिसके बाद अज्ञात सोना वाहक उसे आगे ले जाता था। इसके बदले आरोपी को 500 से 1000 रुपए मिलते थे। 18 नवंबर की सुबह करीब 7:30 बजे उसे 50 सोने के बिस्कुट मिले थे, लेकिन इससे पहले कि वह इसे आगे सौंपता, बीएसएफ ने उसे धर दबोचा।
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डीआरआई को सौंपी गई जिम्मेदारी
बीएसएफ ने आरोपित और जब्त सोने को आगे की कार्रवाई के लिए राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), कोलकाता को सौंप दिया है।
बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जनसंपर्क अधिकारी, डीआईजी निलोप्तल कुमार पांडे ने जवानों की सतर्कता की सराहना की और तस्करी के खिलाफ बीएसएफ की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने स्थानीय निवासियों से अपील की कि वे सोने की तस्करी से जुड़ी कोई भी सूचना बीएसएफ की सीमा साथी हेल्पलाइन 14419 या व्हाट्सएप नंबर 9903472227 पर साझा करें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर