कोलकाता, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के मद्देनजर सरकार ने हालात को नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट सेवा को अगले आदेश तक बंद कर दिया है। भारतीय, नेपाली और भूटानी छात्र स्वदेश लौट रहे हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ लगातार संपर्क में है।
पश्चिम बंगाल से सटी भारत बांग्लादेश सीमा पर तैनात बीएसएफ ने दक्षिण बंगाल सीमांत में इन छात्रों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था के लिए आईसीपी पेट्रापोल, एलसीएस गेडे, घोजाडांगा और महादीपुर में स्पेशल हेल्प डेस्क स्थापित किए हैं। अब तक बीएसएफ ने 572 भारतीय छात्रों, 133 नेपाली छात्रों और चार भूटानी छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है।
बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता एवं डीआईजी एके आर्य ने बताया कि बीएसएफ बीजीबी) के साथ लगातार संपर्क में है। इस समन्वय के चलते रात के समय भी छात्रों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की जा रही है। आईसीपी पेट्रापोल में इमिग्रेशन डेस्क को 24/7 खुला रखा गया है ताकि सभी छात्रों की सुगम और सुरक्षित वापसी हो सके। बीएसएफ ने आईसीपी और एलसीएस पर विशेष चिकित्सा सहायता और दस्तावेजी सुधार के लिए भी व्यवस्थाएं की हैं, ताकि छात्रों की सभी स्वास्थ्य संबंधी और दस्तावेजी समस्याओं का समाधान हो सके। आर्य ने जोर देकर कहा कि बीएसएफ बीजीबी के साथ समन्वय में प्रत्येक छात्र की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
उधर, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा और इंटरनेट बंदी को लेकर चिंता जताई है। यूएन की वेबसाइट के मुताबिक टर्क ने बांग्लादेश सरकार से इंटरनेट सेवा बहाल करने और हिंसा को रोकने की अपील की है। साथ ही सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे हिंसा को भड़काने वाले बयानों से बचें।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर / पवन कुमार श्रीवास्तव