जम्मू, 17 मई (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग कर रहे छात्र-छात्राएं इंटर्नशिप के दौरान स्टाइपेंड की मांग को लेकर मुखर हो गए हैं। इंडियन नर्सिंग काउंसिल की गाइडलाइंस का हवाला देते हुए छात्रों ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इत्तू को ज्ञापन सौंपा है जिसमें अन्य राज्यों की तर्ज पर स्टाइपेंड लागू करने की अपील की गई है।
छात्रों का कहना है कि देश के अन्य राज्यों में बीएससी नर्सिंग छात्रों को छह महीने की इंटर्नशिप के दौरान लगभग ₹13,500 प्रतिमाह स्टाइपेंड मिलता है जो कि एमबीबीएस इंटर्न्स को मिलने वाले स्टाइपेंड का 50% है। जबकि जम्मू-कश्मीर में बीएससी नर्सिंग छात्रों को कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलती जो कि एक बड़ी असमानता है। हम एमबीबीएस और जीएनएम छात्रों की तरह ही क्लीनिकल ट्रेनिंग करते हैं, फिर भी हमें स्टाइपेंड नहीं दिया जाता, छात्रों ने मंत्री को लिखे पत्र में कहा।
मंत्री सकीना इत्तू ने इस पत्र पर संज्ञान लेते हुए संबंधित प्रशासनिक सचिव और निदेशक वित्त को इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का निर्देश दिया है। निदेशक वित्त ने कॉलेजों से छात्रों का विवरण और स्टाइपेंड को लेकर उनकी सिफारिशें मांगी हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार अनंतनाग, बारामुला, जम्मू, श्रीनगर, उधमपुर, कठुआ और डोडा के कॉलेजों ने छात्रों का विवरण भेज दिया है जबकि कुछ कॉलेजों की ओर से इसमें देरी की जा रही है। 6 मई को निदेशक ने शेष कॉलेजों को एक रिमाइंडर भी जारी किया है।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजने से पहले हम सभी कॉलेजों से विवरण का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद है कि बाकी कॉलेज भी जल्द ही डाटा भेजेंगे।
छात्रों को उम्मीद है कि सरकार जल्द स्टाइपेंड की मंजूरी देगी जिससे न केवल आर्थिक बोझ कम होगा बल्कि अन्य राज्यों के छात्रों के साथ समानता भी स्थापित होगी।
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(Udaipur Kiran) / अश्वनी गुप्ता
