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द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ पर ब्रिटेन ने भारतीय योगदान को किया याद

लंदन, 05 मई (Udaipur Kiran) । ब्रिटेन में सोमवार को द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ विक्ट्री इन यूरोप (वीई) डे के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर किंग चार्ल्स तृतीय के नेतृत्व में आयोजित समारोहों में ब्रिटिश भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों के अमूल्य योगदान को विशेष रूप से याद किया गया। यह समारोह 08 मई तक जारी रहेगा, जिस दिन 1945 में जर्मनी ने औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण किया था।

ब्रिटिश राज के अधीन, करीब 25 लाख भारतीय सैनिकों ने मित्र देशों के साथ मिलकर नाजी जर्मनी के खिलाफ संघर्ष में भाग लिया था। इन सैनिकों में सभी धर्मों और क्षेत्रों के लोग शामिल थे। उनके साथ अफ्रीका और कैरेबियाई देशों के राष्ट्रमंडल सैनिकों ने भी अहम भूमिका निभाई थी।

लंदन स्थित थिंक टैंक ब्रिटिश फ्यूचर के निदेशक सुंदर कटवाला ने कहा, “दक्षिण एशिया, अफ्रीका और कैरेबियाई देशों की सेनाओं की भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है। वीई डे जैसे मौके हमें यह अवसर देते हैं कि हम उनके बलिदानों को पहचानें और साझा करें।”

थिंक टैंक द्वारा जारी एक नई सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया गया कि केवल 55 प्रतिशत ब्रिटिश नागरिकों को यह जानकारी है कि भारतीय सैनिकों ने विश्व युद्ध में ब्रिटेन के लिए लड़ाई लड़ी थी। वहीं, 86 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने माना कि युद्ध में लड़ने वाले सभी सैनिकों को, चाहे वे किसी भी देश से हों, समान रूप से श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा, “हम यहां हैं क्योंकि हमारे पूर्वजों ने वह कीमत चुकाई जिसकी वजह से हम आज आज़ादी से जी रहे हैं।”

इस अवसर पर ब्रिटिश भारतीय सेना के पूर्व सार्जेंट मेजर रजिंदर सिंह धत्त और अन्य नौ दिग्गज सैनिकों ने एक खुले पत्र के माध्यम से लोगों से अपील की कि वे उन बलिदानों को कभी न भूलें, जिन्होंने लोकतंत्र और स्वतंत्रता की रक्षा की।

बकिंघम पैलेस के सामने हजारों लोग जुटे, जहां रॉयल एयर फोर्स के रेड एरो जेट्स ने फ्लाईपास्ट किया। किंग चार्ल्स, क्वीन कैमिला और प्रिंस विलियम व प्रिंसेस केट अपने बच्चों के साथ बालकनी से इस दृश्य को देख रहे थे।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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