
नई दिल्ली, 19 अप्रैल (Udaipur Kiran) । भारत ने दुबई में आयोजित ब्रिज फेडरेशन ऑफ एशिया एंड मिडिल ईस्ट चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन स्वर्ण पदक और एक रजत पदक अपने नाम किए। 10 से 18 अप्रैल तक चले इस टूर्नामेंट में पुरुष, महिला और सीनियर वर्ग में भारतीय टीमों ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि मिक्स्ड टीम ने रजत पदक हासिल किया। इस कामयाबी के साथ ही चारों भारतीय टीमों ने डेनमार्क में होने वाली वर्ल्ड ब्रिज चैंपियनशिप 2025 के लिए क्वालिफाई कर लिया है।
दुबई में हुए इस टूर्नामेंट में 9 देशों की 25 टीमों ने भाग लिया। भारतीय पुरुष टीम में सुमित मुखर्जी, राजेश्वर तिवारी, सग्निक रॉय, कौस्तभ नंदी, कौस्तुभ मिलिंद बेंद्रे और सायंतन कुशारी शामिल रहे। कोच और नॉन-प्लेइंग कैप्टन की भूमिका में देबाशीष रे रहे।
महिला टीम की ओर से पूजा बत्रा, आशा शर्मा, बिंदिया कोहली, प्रिया बालसुब्रमण्यम, भारती डे और अलका एम क्षीरसागर ने स्वर्ण पदक दिलाया। कोच और नॉन-प्लेइंग कैप्टन अरविंद वैद्य रहे।
सीनियर्स टीम में रामरतनम कृष्णन, बी प्रभाकर, बाचिराजू सत्यनारायण, जग्गी बी शिवदासानी, सुभाष गुप्ता और रवि गोयनका ने जीत दर्ज की। कोच गिरीश बिजूर ने टीम का मार्गदर्शन किया।
मिक्स्ड टीम ने भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए रजत पदक हासिल किया। इस टीम में राजीव खंडेलवाल, हिमानी खंडेलवाल, राणा रॉय, शीतल बंसल, प्रियरंजन सिन्हा और बिंदिया नायडू शामिल थे। कोच विनय देसाई रहे।
अब डेनमार्क में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भिड़ेंगी भारतीय टीमें
47वीं वर्ल्ड ब्रिज चैंपियनशिप 2025 का आयोजन 20 से 31 अगस्त तक हर्निंग, डेनमार्क में होगा। इसमें भारत समेत 35 देशों की 66 टीमें हिस्सा लेंगी। वर्ल्ड चैंपियनशिप में बर्मूडा बाउल, वेनिस कप, डी’ऑर्सी ट्रॉफी और वुहान कप जैसी प्रतिष्ठित स्पर्धाएं होंगी।
देबाशीष रे ने बताई आगे की रणनीति
टीम के चीफ-डी-मिशन और पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी देबाशीष रे ने इस उपलब्धि पर खुशी जताई और कहा, यह दुबई में हमारा क्लीन स्वीप रहा, लेकिन डेनमार्क में मुकाबला और कड़ा होगा। अगले 3-4 महीनों में हमें अपनी तैयारी और मज़बूत करनी होगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए कोचों की रिपोर्ट के आधार पर टीम में कुछ बदलाव संभव हैं।
खेल मंत्रालय का बड़ा सहयोग
ब्रिज खेल को खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) का लगातार समर्थन मिलता रहा है। 2017 से मंत्रालय की एसीटीसी योजना के तहत खिलाड़ियों के ट्रेनिंग कैंप, विदेशी टूर्नामेंट, कोचिंग और उपकरणों के खर्च को कवर किया जाता है। पिछले तीन वर्षों में औसतन 2.55 करोड़ रुपये सालाना इस खेल पर खर्च किए गए हैं।
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(Udaipur Kiran) दुबे
