

साहित्य अकादमी के अध्यक्ष और सचिव कर रहे भारत का प्रतिनिधित्व
कजान, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । रूस के कज़ान शहर में बुधवार को ब्रिक्स साहित्य समारोह-2024 का शुभारंभ हुआ। सम्मेलन का आधिकारिक उद्घाटन कज़ान के मेयर इल्सूर मेटशिन ने किया। 14 सितंबर तक चलने वाले इस आयोजन में भारत का प्रतिनिधित्व साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक और सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव कर रहे हैं।
डॉ. श्रीनिवासराव ने मीडियाकर्मियों को बताया कि ब्रिक्स साहित्य समारोह-2024 का विषय है- “नई वास्तविकता में विश्व साहित्यः परंपराओं, राष्ट्रीय मूल्यों और संस्कृतियों का संवाद।” यह सम्मेलन ब्रिक्स देशों के लेखकों, कवियों, दार्शनिकों, कलाकारों और विद्वानों का संगम है। समारोह में माधव कौशिक ने आज की दुनिया में साहित्य के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि साहित्य किस तरह दुनिया भर के विभिन्न समाजों के बीच एकता और सहयोग को बढ़ावा देता है।
समारोह में “भारत के लेखकों से मिलें” शीर्षक से एक अन्य कार्यक्रम भी आयोजित हुआ। इसका विषय था- वोल्गा से गंगा तक: परंपरा और बहुसंस्कृतिवाद का उत्सव। इसके संचालक एवगेनी अब्दुल्लाव थे। इस सत्र में डॉ. श्रीनिवासराव ने कहा कि कैसे दुनिया भर में नदी आधारित संस्कृतियों ने बहुसंस्कृतिवाद को बढ़ावा दिया तथा किस प्रकार बहुसंस्कृतिवाद सामाजिक प्रगति और एकता स्थापित करने में सहायक होती है। माधव कौशिक ने भारत और रूस के पारंपरिक साहित्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे उनमें कई सांस्कृतिक मूल्य समाहित हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / पवन कुमार
