
मुंबई,20 मई ( हि.स.) । स्तन कैंसर महिलाओं में पाया जाने वाला एक गंभीर और प्रचलित रोग है। लेकिन समय पर निदान होने पर सफल उपचार संभव है। परन्तु प्रायवेट अस्पताल में इसका परीक्षण करना बहुत ही महंगा होता है ।आम तौर पर स्तन कैंसर के लिए मशीन से मैमोग्राफी कैंसर की जांच करना आम पीड़ित महिलाओं के लिए आसान नहीं है। इसलिए ठाणे सिविल अस्पताल के शल्य चिकित्सक डा कैलाश पवार के भरसक प्रयास के बाद हाल ही में ठाणे जिला सामान्य अस्पताल (सिविल अस्पताल) में एक डिजिटल मैमोग्राफी मशीन शुरू की गई है। इसलिए अब स्तन कैंसर के लिए आवश्यक परीक्षण कराने के लिए मुंबई के निजी अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं होगी।यह मशीन स्तन कैंसर पीड़ित गरीब महिलाओं के लिए वरदान साबित होगी ।
नई सुविधा का शुभारंभ मंगलवार को जिला शल्य चिकित्सक डॉ. कैलाश पवार ने किया। इस समय अतिरिक्त जिला शल्य चिकित्सक डॉ. धीरज महांगड़े, डॉ. निशिकांत रोकड़े, डॉ. सचिन घोलप, डॉ. अविनाश पडलकर आदि विविध विभाग प्रमुख व स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।
मैमोग्राफी एक विशेष प्रकार की एक्स-रे जांच है जो स्तनों में परिवर्तन, गांठ या कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान करने में मदद करती है। यह पूरी प्रक्रिया कुछ ही सेकंड में पूरी हो जाती है और इससे ज्यादा असुविधा नहीं होती। सामान्यतः देखा जाता है कि 50 से 74 वर्ष की आयु की महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा अधिक होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि इस आयु वर्ग की महिलाओं को हर दो साल में मैमोग्राफी करानी चाहिए। 40 से 49 वर्ष की आयु वाली महिलाओं को स्क्रीनिंग की आवृत्ति और आवश्यकता निर्धारित करने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
ठाणे सिविल अस्पताल के अधीक्षक शल्य चिकित्सक डॉ कैलाश पवार का कहना है कि इस मैमोग्राफी मशीन से अब ठाणे और आसपास के क्षेत्र की महिलाएं सही समय पर और कम खर्च में स्तन कैंसर की जांच करा सकेंगी। पहले महिलाओं को ऐसी जांच के लिए निजी अस्पतालों या ठाणे,मुंबई के अस्पतालों में जाना पड़ता था, जो समय लेने वाली और महंगी होती थी। अब चूंकि यह सुविधा सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है, तो आम महिलाएं भी तत्काल और मुफ्त जांच का लाभ उठा सकेंगी।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
