
-डॉ. महेश चंद्र साहू समेत अन्य शोधकर्ताओं ने दिखाई प्रतिभादेहरादून, 10 मई (Udaipur Kiran) । ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में माइक्रोबायोलॉजी की आधुनिक चुनौतियों पर देशभर से आए शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों ने मंथन किया। सम्मेलन में कुल 26 शोध पत्र और 45 पोस्टर विभिन्न श्रेणियों में प्रस्तुत किए गए।
सम्मेलन के आखिरी दिन शनिवार को ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. नरपिंदर सिंह ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि माइक्रोबायोलॉजी में तकनीकी साक्षरता महत्वपूर्ण है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, आईओटी जैसी नई तकनीकों का उपयोग खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बनाए रखने, बैक्टीरिया का पता लगाने, स्वास्थ्य व खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में किया जा रहा है। सम्मेलन को गीता यूनिवर्सिटी पानीपत, हरियाणा के डीन(रिसर्च) प्रो. जसकरण सिंह ने भी संबोधित किया।
सम्मेलन में माइक्रोबायोलॉजी की विभिन्न श्रेणियां में 26 शोध पत्र व 45 पोस्टर प्रस्तुत किए गए। इसमें पर्यावरण की श्रेणी में पहला स्थान रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर, भुवनेश्वर के डॉ. महेश चंद्र साहू ने हासिल किया। इसी श्रेणी की पोस्टर प्रतियोगिता में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, पंजाब के सुभमोय पाणिग्रही को पहला स्थान दिया गया। प्लांट- माइक्रोब इंटरेक्शन श्रेणी की शोध पत्र प्रतियोगिता में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी की निकिता बंसल पहले स्थान पर रहीं। पोस्टर की श्रेणी में वन अनुसंधान संस्थान के ओमांश ठाकुर पहले स्थान पर रहे।
चिकित्सा श्रेणी के शोध पत्र में मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ रिसर्च एंड स्टडीज, फरीदाबाद के राजन मल्होत्रा को प्रथम स्थान दिया गया। पोस्टर की श्रेणी में शूलिनी इंस्टिट्यूट ऑफ़ लाइफ साइंसेज एंड बिजनेस मैनेजमेंट, सोलन के अर्पित शर्मा को पहला स्थान मिला। बायोइनफॉर्मेटिक्स श्रेणी की शोध पत्र प्रतियोगिता में सिक्किम प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, गंगतोक के ओम लक्ष्मण डोले ने प्रथम स्थान हासिल किया। पोस्टर में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के मुतामन मोहम्मद अलसमानी हागो पहले स्थान पर रहे।
सम्मेलन में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एचओडी प्रो. अंजू रानी व शिक्षक डॉ. देबाशीष मित्र की किताब ‘बायो-कॉन्ट्रोल एजेंट्स फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर’ का विमोचन किया गया।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
