ऋषि लंगर व शांति पाठ के साथ गुरुकुल आर्यनगर का 60वां वार्षिक महोत्सव संपन्न
गुरुकुल आर्यनगर के वार्षिक महोत्सव में समाज को वैदिक संस्कृति से जोडऩे का किया आह्वान
हिसार, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । गुरुकुल आर्यनगर का 60वां वार्षिक महोत्सव हवन-यज्ञ, प्रवचन, वैदिक मंत्रों, ऋषि लंगर व शांति पाठ के साथ विधि-विधान से संपन्न हुआ। महोत्सव के अंतिम रविवार को दिन हवन-यज्ञ से कार्यक्रम की शुरूआत हुई।
इस दौरान अलग-अलग सत्र में कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा, आदमपुर के विधायक चंद्रप्रकाश एवं नलवा के विधायक रणधीर सिंह पनिहार मुख्य अतिथि रहे और पूर्व सांसद व गुरुकुल आर्यनगर के प्रधान स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने अध्यक्षता की। इस दौरान पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. आरके रंगा, सेवानिवृत्त आईएएस आरएस वर्मा, उद्योगपति पालेराम, उद्योगपति कृष्ण मनेठिया, रोहतास, देवेंद्र सैनी व संतोष कुमारी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस दौरान समाज को वैदिक संस्कृति से जोडऩे का आह्वान किया गया। गावडिय़ा कंस्ट्रक्शन कंपनी के एमडी दानवीर राजेंद्र गावडिय़ा द्वारा निर्मित भवन का उद्घाटन किया गया। इसके साथ-साथ महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती चित्र दीर्घा का भी लोकार्पण किया गया।
गुरुकुल के महामंत्री एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि मुख्यातिथि रणबीर सिंह गंगवा ने गुरुकुल आर्यनगर का अवलोकन करके शिक्षकों व ब्रह्मचारियों का हौसला बढ़ाया। रणबीर सिंह गंगवा ने कहा कि गुरुकुल आर्यनगर सनातन संस्कृति का प्रचार करते हुए देश के लिए जिम्मेदार व संस्कारवान नागरिक तैयार कर रहा है। यहां से शिक्षा ग्रहण करके विद्यार्थी न केवल वैदिक संस्कृति का प्रचार करेंगे बल्कि समाज को सुसंस्कारी व सुदृढ़ बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कार्य करेंगे।
एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि महोत्सव के अंतिम दिन राकेश कुमार शास्त्री व परमानंद शास्त्री के निर्देशन में गुरुकुल के ब्रह्मचारियों द्वारा मनोरम व्यायाम का प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन के माध्यम से ब्रह्मचारियों ने स्वास्थ्य की अलख जगाई। इसके साथ ही सुनील कुमार व कर्ण शर्मा के निर्देशन में गुरुकुलीय छात्रों के संस्कृत व हिंदी में भाषण, गीत व श्लोकगान सहित कई रोचक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। ब्रह्मचारियों के मुख से धाराप्रवाह संस्कृत व हिंदी के श्लोक सुनकर सभी दर्शक तालियां बजाने के लिए मजबूर हो गए। उन्होंने बताया कि महोत्सव में अलग-अलग दिन पूर्व सांसद व गुरुकुल के प्रधान स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, कार्यकारी प्रधान रामकुमार आर्य, न्यास प्रधान सेठ रामरिछपाल आर्य, संरक्षक सेठ जगदीश प्रसाद आर्य, राजकुमार आर्य, राजेंद्र गावडिय़ा, चंद्राराम गुरी, उपप्रधान सुभाष एडवोकेट, प्रबंधक कर्नल ओमप्रकाश एडवोकेट, उपमंत्री रामफल वर्मा, मुख्याधिष्ठाता इंद्रद्रेव शास्त्री, मानद कुलपति आचार्य पं. रामस्वरूप शास्त्री, मानसिंह पाठक, ब्र. दीपकुमार आर्य, प्राचार्य सुरेश कुमार शास्त्री व अधिष्ठाता रमेश कुमार शास्त्री सहित समस्त शिक्षक व ब्रह्मचारीगण उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर