धौलपुर, 25 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिले के बाड़ी मुख्यालय पर स्थित प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के बाड़ी केंद्र पर रविवार को राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि का 17 वां पुण्य स्मृति दिवस विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने दादी प्रकाशमणि के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर केंद्र की संचालिका वरिष्ठ राजयोगिनी कुमारी अंबिका बहन ने दादी प्रकाशमणि की सेवा एवं समर्पण को याद किया। उन्होंने बताया कि दादी प्रकाशमणी प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय आध्यात्मिक विश्वविद्यालय की दूसरी मुख्य प्रशाशिका रहीं है। दादी के कार्यकाल 1969 से 2007 तक के कार्यकाल में बहुत गीता पाठशाला और बड़े सेंटर्स खुले। दादी का लौकिक नाम रमा था। रमा का जन्म उत्तरी भारतीय प्रांत हैदराबाद सिंध पाकिस्तान में 01 सितंबर 1922 को हुआ था। रमा का भी श्रीकृष्णा के प्रति प्रेम और भक्ति भाव रहता था। रमा केवल 15 वर्ष की आयु मे पहली बार ओम मंडली के संपर्क में आई थीं। बाद में बाबा ने ही रमा को ”प्रकाशमणी” नाम दिया। साकार बाबा (ब्रह्मा) के अव्यक्त होने बाद से दादीजी मधुबन में ही रहीं और सभी सेंटर की देखरेख की। वर्ष 2007 के अगस्त महीने में दादीजी का स्वस्थ ठीक ना होने पर उन्हें हॉस्पिटल मे दाखिल किया गया। वहीं पर 25 अगस्त को उन्होंने अपना देह त्याग कर बाबा की गोद ली। कार्यक्रम में बीके रेनू, बीके प्रीति, बीके राखी, बीके राधा,बीके भारती,बीके दिलीप भाई तथा बीके कृष्णा भाई सहित अन्य उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / प्रदीप