HimachalPradesh

हिमाचल में नए नियमों के तहत बनेगी बीपीएल सूची, पंचायत प्रधान की भूमिका खत्म

शिमला, 22 मार्च (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) सूची तैयार करने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। अब पंचायत प्रधानों को बीपीएल सूची बनाने का अधिकार नहीं होगा। प्रदेश सरकार ने नए नियम लागू करते हुए एसडीएम (उपमंडल अधिकारी) और बीडीओ (खंड विकास अधिकारी) को इस कार्य के लिए अधिकृत किया है।

पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि बीपीएल सूची को लेकर समय-समय पर अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने नए नियम बनाए हैं, ताकि केवल पात्र लोगों को ही बीपीएल का लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि पहले पंचायत स्तर पर प्रधान बीपीएल सूची तैयार करता था, लेकिन कई बार बिना निर्धारित कोरम के ही नाम जोड़ दिए जाते थे। इसे रोकने के लिए अब पंचायत प्रधानों की भूमिका पूरी तरह समाप्त कर दी गई है।

नए नियमों के तहत अब बीपीएल सूची बनाने का अधिकार केवल एसडीएम और बीडीओ के पास होगा। वार्षिक आय 50,000 रुपये से कम होने वाले परिवार ही बीपीएल सूची में शामिल किए जाएंगे। बीपीएल सूची में शामिल होने के लिए अब लोग सीधे बीडीओ कार्यालय या पंचायत के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे।

मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने शनिवार को विधानसभा परिसर में कहा कि सरकार की मंशा यह सुनिश्चित करना है कि केवल जरूरतमंद परिवार ही बीपीएल सूची में शामिल हों। इस बदलाव से पात्र लोगों को लाभ मिलेगा और अपात्र लोगों के नाम सूची में शामिल होने की संभावनाएं कम होंगी।

बीपीएल के लिए 1 से 30 अप्रैल तक करना होगा आवेदन

प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुसार 1 से 30 अप्रैल तक इच्छुक परिवार अपने आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन सम्बंधित ग्राम पंचायत में प्रस्तुत कर सकते हैं। 15 अप्रैल तक एसडीएम की अगुवाई में एक त्रिस्तरीय सत्यापन समिति गठित की जाएगी। इस समिति में पंचायत सचिव, पटवारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल होंगे, जो आवेदनों की जांच कर पात्र परिवारों की सूची तैयार करेंगे।

पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने निर्देश दिया है कि पंचायत स्तर पर तैयार की गई सूची 15 जून तक ग्राम पंचायतों के नोटिस बोर्ड पर सार्वजनिक जांच के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। यदि किसी को सूची में कोई आपत्ति हो, तो वह जुलाई माह में आयोजित ग्राम सभा की बैठक में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।

पूरी प्रक्रिया को 15 अक्टूबर 2025 तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि सही और पात्र परिवारों की सूची तैयार हो सके और उन्हें सरकारी योजनाओं का समय पर लाभ मिल सके।

—————

(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

Most Popular

To Top