जम्मू, 24 मई (Udaipur Kiran) । राज्य के प्रसिद्ध आरटीआई कार्यकर्ता एस बलविंदर सिंह ने एक चिंताजनक वास्तविकता को प्रकाश में लाया है जिस पर विश्वास करना कठिन है लेकिन यह दुखद सच है। 16 अक्टूबर, 2023 को स्थापित हड्डी और संयुक्त अस्पताल की कल्पना जम्मू में आर्थोपेडिक रोगियों की देखभाल के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधा के रूप में की गई थी। हालाँकि एक साल और सात महीने बीत जाने के बावजूद संस्थान डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की स्वीकृत संख्या के बिना बना हुआ है। एक आरटीआई जवाब से पुष्टि हुई है कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को बार-बार प्रस्ताव भेजे जाने के बावजूद कोई भी आधिकारिक पद स्वीकृत नहीं किया गया है।
एक आरटीआई जवाब से पुष्टि हुई है कि सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) जम्मू के प्रिंसिपल द्वारा स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के प्रशासनिक विभाग को 299 पदों के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने के बावजूद किसी भी आधिकारिक पद को मंजूरी नहीं दी गई है। इन पदों की मंजूरी का अभी इंतजार है।
इसलिए आरटीआई कार्यकर्ता ने सरकार से अस्पताल के बेहतर संचालन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक पदों को तुरंत मंजूरी देने का आग्रह किया है। एक अच्छी तरह से सुसज्जित हड्डी और संयुक्त अस्पताल इस क्षेत्र के लिए आवश्यक है और उधार के कर्मचारियों पर इसकी निरंतर निर्भरता अस्वीकार्य है। अधिकारियों को इस गलती को सुधारने के लिए तेजी से कार्य करना चाहिए और स्वास्थ्य देखभाल मानकों को बनाए रखने के लिए पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध कराना चाहिए।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
