देहरादून, 01 जनवरी (Udaipur Kiran) । नए साल के पहले दिन उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष और टिहरी लोकसभा सीट से सांसद प्रत्याशी रहे बॉबी पंवार ने सचिवालय प्रशासन पर पास जारी करने में लापरवाही और भेदभाव का आरोप लगाते हुए सचिवालय के मुख्य द्वार पर धरना दिया। पंवार ने कहा कि सचिवालय प्रशासन जानबूझकर पास जारी करने में देरी कर रहा है, जिससे आम नागरिक अपनी समस्याओं को उच्च अधिकारियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। बॉबी पंवार ने सचिवालय के मुख्य द्वार पर पैसों से भरा सूटकेस लेकर पहुंचकर अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इशारे पर सचिवालय में 5 बजे के बाद पैसों से भरा सूटकेस लेकर आने वाले लोगों को ही प्रवेश दिया जाता है। अगर ऐसा ही है तो हम भी सूटकेस लेकर आए हैं। पंवार ने चेतावनी दी कि अगर पास जारी करने की प्रक्रिया को सरल नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज होगा।
संविधान की प्रतियां लेकर धरने पर बैठे युवा धरने में शामिल युवाओं ने संविधान की मूल प्रतियां लेकर सचिवालय प्रशासन को आड़े हाथ लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि प्रशासन आम जनता के अधिकारों का हनन कर रहा है।
त्रिभुवन सिंह चौहान का समर्थन केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के प्रत्याशी त्रिभुवन सिंह चौहान ने भी धरने का समर्थन करते हुए कहा कि सचिवालय पास प्रक्रिया इतनी जटिल बना दी गई है कि आम नागरिक अपनी समस्याएं अधिकारियों तक नहीं पहुंचा पाते। यह प्रणाली जनहित के खिलाफ है। धरने में उत्तराखंड बेरोजगार संघ के राम कंडवाल, सुरेश सिंह, जसपाल चौहान, बिट्टू वर्मा, नवीन चौहान, अखिल तोमर, संजय चौहान और विशाल चौहान आदि उपस्थित थे।
पंवार की मांग बॉबी पंवार ने सचिवालय प्रशासन से पास प्रक्रिया को सरल बनाने और आम नागरिकों को सुगमता से प्रवेश देने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारियों को मेरे जूते-चप्पलों से समस्या है तो मैं उन्हें उतारकर सचिवालय जाऊंगा।
मुख्य सचिव ने सुनी मांगें सचिवालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर धरना दे रहे बॉबी पंवार और अन्य युवाओं को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वार्ता के लिए बुलाया। मुख्य सचिव ने युवाओं की सभी मांगों को गंभीरता से सुना और सकारात्मक पहल करने का आश्वासन दिया।वार्ता में बॉबी पंवार के साथ त्रिभुवन सिंह चौहान, उत्तराखंड बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल, प्रदेश प्रवक्ता सुरेश सिंह, जसपाल सिंह चौहान और संजय चौहान उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण