इस्लामाबाद, 26 नवंबर (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद का डी-चौक आज खूनखराबे का गवाह बना। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के ‘करो या मरो’ के आह्वान पर सरकारी बाधाओं को पार कर डी-चौक के पास पहुंचे हजारों कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई है। पीटीआई ने दावा किया कि इस झड़प में उसके तीन कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। जियो न्यूज चैनल की खबर के अनुसार एक्स पर एक पोस्ट में पीटीआई ने कहा कि पुलिस ने इस्लामाबाद विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों पर सीधे गोलीबारी की। इसमें तीन लोग मारे गए और कई घायल हो गए। संघीय सरकार के गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि सरकार ने पीटीआई नेताओं को हर तरह से मनाने की कोशिश की। वे नहीं माने। वह संघीय राजधानी की ओर आगे बढ़े। पीटीआई नेतृत्व नरसंहार नहीं चाहता है।उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद के आईजी को स्थिति को जैसे-तैसे नियंत्रित करने का आदेश दिया गया है। पीटीआई के सारे समर्थक खैबर पख्तूनख्वा से आए हैं। उनके साथ पंजाब का एक भी व्यक्ति नहीं दिखेगा। इस बीच संघीय राजधानी में स्थिति से निपटने के लिए तैनात सेना ने डी-चौक के रेड जोन के भीतर प्रमुख स्थलों की सुरक्षा का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है।डॉन समाचार पत्र के अनुसार पीटीआई प्रदर्शनकारियों के डी-चौक पहुंचते ही सुरक्षा बलों ने उन पर आंसू गैस के गोले दागे। पीटीआई का आरोप है कि रेंजर्स ने गोला बारूद से गोलीबारी की। इसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। पीटीआई प्रदर्शनकारियों को डी-चौक में दाखिल होने से रोकने के लिए कंटेनरों को रखा गया है। दर्जनों प्रदर्शनकारी कंटेनरों पर चढ़ गए हैं। सेना के जवान भी मोर्चा संभाले हुए हैं।डी-चौक पर संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, पाकिस्तान सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय सहित महत्वपूर्ण सरकारी भवन हैं। पुलिस ने कहा है कि पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं के काफिले में 34,000 से अधिक लोग शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि इमरान खान लंबे समय रावलपिंडी सेंट्रल जेल (अदियाला जेल) में बंद हैं। प्रदर्शनकारियों के काफिले का नेतृत्व खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री गंडापुर कर रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद