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आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगे प्रतिबंध काे हटाने के सरकार के फैसले का भाजपा ने किया स्वागत, प्रतिबंध को बताया असंवैधानिक

तरूण चुघ

नई दिल्ली, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगे 58 साल पुराने प्रतिबंध को हटा लिया है। सरकार के इस फैसले का भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने स्वागत किया है। भाजपा ने आरएसएस पर लगाए गए प्रतिबंध को असंवैधानिक बताया। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर कहा कि 58 साल पहले 1966 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाने वाले असंवैधानिक आदेश को मोदी सरकार ने वापस ले लिया है। मूल आदेश पहले ही पारित नहीं किया जाना चाहिए था।

यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया क्योंकि 7 नवंबर 1966 को संसद पर बड़े पैमाने पर गौ-हत्या विरोधी प्रदर्शन हुआ था। आरएसएस-जनसंघ ने लाखों की संख्या में समर्थन जुटाया था। पुलिस फायरिंग में कई लोग मारे गये थे। 30 नवंबर 1966 को, आरएसएस-जनसंघ के प्रभाव से आहत होकर, इंदिरा गांधी ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर दशकों पहले प्रतिबंध लगाना ही असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक था। अब बैन हटाया गया है यह स्वागत योग्य कदम है, देश के लिए बहुत अच्छा निर्णय है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सदैव ही राष्ट्र सर्वप्रथम राष्ट्र को सर्वप्रिय मानने वाला रहा है। समाज के सभी वर्गों में सभी क्षेत्रों में राष्ट्रवादी, देश के लिए सब कुछ न्योछावर करने वाले नागरिक आगे रहे हैं। कई बार देश के न्यायालय ने भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे राष्ट्रवादी संगठन और उसकी सांस्कृतिक कल्पना, देश के लिए किया जा रहे हैं, काम की सराहना की है।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी / रामानुज

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