जयपुर, 25 सितंबर (Udaipur Kiran) । राहुल गांधी के अमेरिका में दिए बयान पर पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी के लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर राहुल गांधी का पासपोर्ट कैंसिल करने की मांग काे लेकर सियासी वार शुरू हाे गए हैं। इस पर अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है। गहलोत ने जोशी की मांग को हास्यास्पद और शरारतपूर्ण बताया है।
गहलोत ने एक्स पर पाेस्ट किया कि चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी का राहुल गांधी के बारे में लोकसभा स्पीकर को लिखा गया पत्र न सिर्फ हास्यास्पद है, बल्कि शरारतपूर्ण है। राहुल गांधी ने अमेरिका में सिख समाज और दलित वर्ग के बारे में जो कहा उसे तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। राहुल गांधी ने जो कहा उसे देशवासियों ने सुना है। उसमें कुछ भी ऐसा नहीं था, जैसा भाजपा पेश करने की कोशिश कर रही है। भाजपा केवल राहुल गांधी को बदनाम करने का असफल प्रयास कर रही है।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी सीपी जोशी पर पलटवार किया है। डोटासरा ने एक्स पर पाेस्ट किया कि भाजपा नेताओं में कुर्सी की लोलुपता में चमचागिरी और चाटुकारिता की पराकाष्ठा पार करने की होड़ लगी है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के संदर्भ में चित्तौड़गढ़ से भाजपा सांसद का लोकसभा अध्यक्ष को लिखा गया और वायरल कराया गया पत्र इसका नमूना है। सही मायनों में यह पत्र कागजों का ढेर लगाकर पार्टी फोरम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने और संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में अपनी पर्ची निकलवाने की सिफारिश से ज्यादा कुछ भी नहीं है।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सीपी जोशी ने मंगलवार को लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर राहुल गांधी का पासपोर्ट कैंसिल करने की मांग की थी। सीपी जोशी ने राहुल गांधी पर खालिस्तानियों के एजेंडे को आगे बढ़ाने और देश विरोधी ताकतों के हाथों में खेलने का आरोप लगाया। जोशी ने लिखा कि राहुल गांधी के आधारहीन और देश की छवि को धूमिल करने वाले बयानों को अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे में नहीं देखा जा सकता। ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि राहुल गांधी को नेता विपक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद से इस्तीफा देना चाहिए। अगर वे इन बातों के बावजूद नेता प्रतिपक्ष के पद पर बने रहना चाहते हैं तो उनका पासपोर्ट रद्द किया जाना चाहिए, ताकि वे भविष्य में विदेशी जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी एजेंडे को चलाने के लिए नहीं करें। उन्होंने लिखा कि राहुल गांधी जैसे किसी व्यक्ति का नेता विपक्ष के पद पर रहना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। उनकी गतिविधियों को देखकर ये साफ हो जाता है कि वे देश विरोधी ताकतों के हाथों खेल रहे हैं। बतौर नेता विपक्ष राहुल गांधी अपने देश के उद्योगपतियों के नाम लेकर उनके खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। क्या पूरी दुनिया में कोई एक भी ऐसी मिसाल है, जब कोई पक्ष या विपक्ष का नेता दूसरे देश में जाकर अपने देश के उद्योगपतियों के खिलाफ बयानबाजी करता दिखा। आखिर राहुल के इस बयान के पीछे क्या मंशा है?
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(Udaipur Kiran) / रोहित