Delhi

भाजपा बोली-हमारा संघर्ष रंग लाया, बिजली बिलों में पीपीएसी में मिलेगा 50 प्रतिशत से अधिक की कटौती का लाभ

वीरेंद्र सचदेवा पत्रकार वार्ता में

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आज एक पत्रकार सम्मेलन में दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) के एक आदेश की प्रति जारी करते हुए दावा किया कि दिल्ली भाजपा का अप्रैल से चला आ रहा संघर्ष रंग लाया है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार एवं प्राइवेट बिजली कम्पनियों की साठगांठ से बिजली बिलों में मनमाने तरीके से लगते आ रहे पावर परचेज अडजस्टमेंट चार्ज (पीपीएसी) में 50% से अधिक की कटौती की घोषणा दिल्ली के ऊर्जा सचिव ने की है।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि हमने मई के लोकसभा चुनाव से पूर्व ही दिल्ली वालों पर डाले जा रहे इस अनैतिक आर्थिक बोझ का मुद्दा उठाया था और चुनाव के बाद से संगठन एवं नवनिर्वाचित सांसद इस मुद्दे पर सक्रियता से काम कर रहे थे। भाजपा ने जुलाई में इस मुद्दे काे सार्वजनिक रूप से उठाया और इसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को ज्ञापन भी दिया।

सचदेवा ने कहा कि दिसम्बर के प्रारम्भ में लघु भारती का एक प्रतिनिधिमंडल भाजपा नेताओं से मिला और उसके बाद हमने फिर उपराज्यपाल के समक्ष निजी बिजली कम्पनी बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड आदि द्वारा पीपीएसी और बढ़ाने की मांग का विरोध किया। भाजपा के दबाव के बाद आयोग को मामले का पारदर्शी विश्लेषण करना पड़ा, जिसके चलते संवैधनिक संस्था ने बीपीवाईएल की पीपीएसी और बढ़ाने की मांग को ना सिर्फ खारिज किया बल्कि घटाया भी।

दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता एवं दिल्ली मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. अनिल गुप्ता के नेतृत्व में कल 32 औद्योगिक क्षेत्रों का एक प्रतिनिधिमंडल फिर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मिला, जहां उपराज्यपाल की उपस्थिति में दिल्ली के उर्जा सचिव ने अलग अलग कम्पनियों के बिजली बिलों में लगने वाले पीपीएसी में 50 से 60% तक की कटौती की घोषणा की।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि भाजपा के संघर्ष स्वरूप दिल्ली वालों को बिजली बिलों में अब भारी छूट मिलेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा पीपीएसी का मुद्दा उठाने से केजीरवाल सरकार एवं निजी बिजली कम्पनियों की साठगांठ की पोल खुली है और अब दिल्ली में शीघ्र भाजपा की सरकार बनेगी। तब हम केजरीवाल सरकार एवं निजी कम्पनियों की साठगांठ से 10 वर्ष से चली आ रही लूट का मामला सीबीआई को जांच के लिए सौंपेंगे।

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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी

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