जम्मू, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 को बहाल करने के प्रस्ताव के पारित होने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष सत शर्मा ने कहा कि अनुच्छेद 370 इतिहास का हिस्सा है और इसे जमीन में गहराई से दफना दिया गया है – अब कोई भी ताकत इसे बहाल नहीं कर सकती। उनकी यह टिप्पणी भाजपा नेताओं के विरोध के बीच आई जिन्होंने प्रस्ताव का विरोध किया है।
जम्मू-कश्मीर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रविंदर रैना, पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता, पूर्व सांसद शमशेर सिंह मन्हास और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए शर्मा ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे नासमझी और खतरनाक बताया। संगठनात्मक जिलों में पार्टी कार्यकर्ताओं ने एनसी और कांग्रेस के पुतले जलाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया, दोनों पार्टियों पर जम्मू-कश्मीर के संसाधनों का ऐतिहासिक रूप से दोहन करने और अब इस क्षेत्र को रक्तपात और अशांति की स्थिति में वापस लाने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
शर्मा ने एनसी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के 23 प्रतिशत वोट बहुमत का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं फिर भी यह जम्मू के निवासियों के अधिकारों और हितों को दरकिनार करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने वाले उपमुख्यमंत्री सुरिंदर सिंह चौधरी को जम्मू क्षेत्र का अपराधी बताया जिन्होंने जम्मू के लोगों से मिले जनादेश के साथ विश्वासघात किया।
जम्मू-कश्मीर में भाजपा के 26 प्रतिशत वोट शेयर के साथ शर्मा ने क्षेत्र की राष्ट्रवादी आबादी की आकांक्षाओं की रक्षा करने और शांति और विकास बनाए रखने के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने जोर देकर कहा कि अनुच्छेद 370 को पुनर्जीवित करने के प्रयास विफल होंगे और एनसी और कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में समृद्धि लाने के केंद्र सरकार के प्रयासों के खिलाफ काम कर रहे विभाजनकारी ताकतें हैं।
शर्मा ने नाम न लेते हुए जम्मू के कुछ नेताओं को जम्मू के जयचं करार दिया। उनका इशारा उन लोगों की ओर था जिन्होंने उनके विचार में प्रभावशाली राजनीतिक परिवारों की महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए लोगों के हितों को त्याग दिया है। उन्होंने कसम खाई कि भाजपा जम्मू-कश्मीर में शांति को पटरी से उतारने के लिए नापाक इरादों की अनुमति नहीं देगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अनुच्छेद 370 का युग पूरी तरह से अतीत की बात हो चुकी है और इसे फिर से नहीं लाया जा सकता।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा