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कोलकाता, 18 फरवरी (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को भाजपा विधायकों ने शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में धरना दिया। यह विरोध प्रदर्शन राज्य सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने के आरोपों को लेकर किया गया। भाजपा विधायकों ने सरकार पर सरस्वती पूजा को रोकने और हिंदू त्योहारों पर हमलों को न रोक पाने का आरोप लगाया।
करीब 30 भाजपा विधायक विधानसभा के मुख्य द्वार की सीढ़ियों पर बैठकर विरोध जताते नजर आए। इस दौरान उन्होंने मूर्ति भंगार सरकार, आर नेई दर्कार (हमें मूर्तियां तोड़ने वाली सरकार नहीं चाहिए) जैसे नारे लगाए। यह धरना ऐसे समय में हुआ जब एक दिन पहले ही भाजपा के चार विधायकों – शुभेंदु अधिकारी, अग्निमित्रा पॉल, बंकिम घोष और बिश्वनाथ कारक को अशोभनीय आचरण के आरोप में विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था।
धरने के दौरान मीडिया से बात करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा, हम किसी समुदाय के खिलाफ नहीं हैं लेकिन यह सरकार हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़े जाने से नहीं रोक सकी है। हाल के दिनों में बंगाल के कई हिस्सों में दुर्गा, लक्ष्मी और कार्तिक की मूर्तियां तोड़ी गईं, लेकिन सरकार चुप है।
उन्होंने सरस्वती पूजा को लेकर भी सरकार पर हमला बोला और कहा, हमारे स्कूलों और कॉलेजों में सरस्वती पूजा को रोका जा रहा है। लेकिन राज्य सरकार चुपचाप तमाशा देख रही है और दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
शुभेंदु अधिकारी ने घोषणा की कि भाजपा विधायक विधानसभा के बाहर समानांतर सत्र चलाएंगे। इसमें वे तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ जनता के मुद्दों को उठाएंगे। उन्होंने कहा, यह सरकार हिंदू त्योहारों को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।
भाजपा नेता ने अपने निलंबन और टीएमसी द्वारा विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, मुझे पहले भी तीन-चार बार निलंबित किया जा चुका है। मेरे खिलाफ कई बार विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया गया है। क्योंकि मैं लगातार इस सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति, भ्रष्टाचार और लोकतंत्र को कुचलने के प्रयासों का विरोध कर रहा हूं। लेकिन वे मुझे चुप नहीं करा सकते।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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