Haryana

कैथल में सुशासन दिवस पर भाजपा विधायक ने  सरकारी  व्यवस्था पर उठाए सवाल 

लघु सचिवालय में सुशासन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में विधानसभा स्पीकर हरविंदर कल्याण विधायक सतपाल जांबा व अन्य
लघु सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान नशा बिकने और स्कूल की कमियों के बारे में बताते हुए विधायक सतपाल जांबा

बोले स्कूलों में टीचर नहीं, दुकानों पर बिक रहा है नशा

मेरे पास भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट

कैथल, 25 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पूंडरी के विधायक सतपाल जांबा ने सुशासन दिवस पर विधानसभा के स्पीकर हरविंदर कल्याण की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश सरकार की व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिए। सुशासन दिवस पर जहां सरकार अपनी उपलब्धियां गिनवाने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर रही है। वहीं सतपाल जांबा ने कमियां गिनाकर सरकार की व्यवस्था की पोल खोल दी।‌विधानसभा अध्यक्ष हरेंद्र कल्याण ने विधायक विधायक को बीच में ही टोका भी, लेकिन उसके बावजूद भी विधायक ने प्रशासन के सभी अधिकारियों की कमियां बात कर उनकी क्लास लेना चालू रखा।

बुधवार को सुशासन दिवस पर लघु सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में विधायक सतपाल जांबा ने कहा कि दुकानों पर नशा खुलेआम बिक रहा है। उन्होंने कई बार पुलिस अधिकारियों को नाम भी दे दिए। पुलिस को पता है वह हमसे बेहतर जानते हैं। फिर भी नशा बेचने वाले को नहीं पकड़ रहे हैं। बेचने वाला नशा दुकान में नहीं रखेगा। यह पुलिस वाले भी जानते हैं। उनके पास पूरी लिस्ट है।

पुलिस वाले नशा बेचने वालों को सुबह पकड़ते हैं शाम को छोड़ देते हैं।‌ बताते हैं कि कुछ नहीं मिला। पूंडरी में 115 स्कूल है। एक भी स्कूल ऐसा नहीं है जहां टीचर की कमी ना हो। यह क्या हमारे डीईओ या बीईओ को नहीं दिखता। उन्होंने कहा तो बोल 5 टीचर भेज देतेहैं। क्या उनको खुद नहीं दिखता। ‌उनके हलके के ढांड गांव में 478 बच्चों पर केवल 5 सरकारी टीचर हैं। ऐसे में बच्चे कैसे पढ़ेंगे और हम कैसे कहेंगे कि गुड गवर्नेंस है। एक-एक कर सब अधिकारियों के पास जाकर थक गया हूं। जांबा बोले राजनीति में नया जरूर हूं।

जिला में बीजेपी का केवल एक विधायक है। दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का टिकट पाकर विधायक बना हूं। नया जरूर हूं लेकिन जो व्यक्ति सबसे बड़ी पार्टी का टिकट प्रकार विधायक बन सकता है। जनता का दिल जीत सकता है। फिर आप लोगों को समझने में कितने दिन लगेंगे। भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट उनके पास आ भी चुकी है। अंत में उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि उनकी मंशा कमियां गिरना नहीं थी अपितु समस्याओं की तरफ ध्यान आकर्षित करना था।

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(Udaipur Kiran) / नरेश कुमार भारद्वाज

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