Jammu & Kashmir

भाजपा सदस्य लोगों की समस्याओं से ज्यादा मीडिया का ध्यान आकर्षित करने में रुचि रखते हैं- उपमुख्यमंत्री

जम्मू, 09 अप्रैल (Udaipur Kiran) । उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने बुधवार को कहा कि विधानसभा में बार-बार व्यवधान पैदा करने के बजाय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को यह बताना चाहिए कि क्या उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) के वेतन वृद्धि और नियमितीकरण के मुद्दे को उठाया है।

चौधरी ने जम्मू में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाने के बावजूद एसपीओ पिछले दस सालों से नियमितीकरण और बेहतर वेतन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर सदन में चर्चा होनी चाहिए लेकिन भाजपा सदस्य लोगों की समस्याओं से ज्यादा मीडिया का ध्यान आकर्षित करने में रुचि रखते हैं। उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायक केवल व्यवधान पैदा करने के लिए सदन में आए और बिजली, पानी, स्कूल, सड़क, अस्पताल, बेरोजगारी या दिहाड़ी मजदूरों की चिंताओं जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात नहीं की।

उन्होंने कहा कि हमने दिहाड़ी मजदूरों को नियमित करने के मामले को देखने के लिए एक समिति बनाई है लेकिन भाजपा इन मामलों की अनदेखी कर रही है। चौधरी ने कहा कि अध्यक्ष ने अपना फैसला सुना दिया है और सदन को संविधान के अनुसार चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिर भी हम एक सार्थक सत्र की उम्मीद करते हैं। लेकिन उनके व्यवहार को देखते हुए भाजपा सदस्यों द्वारा व्यवधान जारी रखने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवा खेलों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में लेकिन भाजपा नेताओं सहित कोई भी उनकी जरूरतों के बारे में बात नहीं कर रहा है।

उन्होंने कहा कि यह सदन लोगों का है। यह कोई पार्टी मीटिंग नहीं है। निर्वाचित प्रतिनिधियों को लोगों की आवाज उठाने के लिए इस मंच का इस्तेमाल करना चाहिए। सत्र को आगे बढ़ाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय अध्यक्ष को लेना है। उन्होंने कहा कि मैं उपमुख्यमंत्री हूं लेकिन मैं एक निर्वाचित विधायक भी हूं। मैं अपने लोगों के लिए बोलना चाहता हूं। चौधरी ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को बोलने का अधिकार है लेकिन भाजपा सदन के अंदर और बाहर उस आवाज को दबाने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा कि वह ऐसा करने में कभी सफल नहीं हुए।

(Udaipur Kiran) / सुमन लता

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