
गुवाहाटी, 19 मार्च (Udaipur Kiran) । समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान और उन्हें राष्ट्र के विकास में शामिल करना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मूल विचारधारा रही है। इसी अंत्योदय सिद्धांत को अपनाते हुए भाजपा सरकार 2014 से ही देश की प्रगति के लिए कार्य कर रही है।
इसी संकल्प के तहत बुधवार को पलाशबाड़ी में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्व सरमा ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 3,88,538 लाभार्थियों को प्रथम किस्त के रूप में 37,500 रुपये की स्वीकृति पत्र वितरित किए। साथ ही, असम की 126 विधानसभा क्षेत्रों में भी स्थानीय विधायकों, सांसदों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र सौंपे गए।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ताओं किशोर कुमार उपाध्याय और पंकज बरबोरा ने अटल बिहारी वाजपेयी भवन से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि भाजपा सरकार के नेतृत्व में अब तक असम में 20,46,553 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिल चुका है, जो राज्य सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य प्रत्येक आर्थिक रूप से कमजोर नागरिक को स्थायी आवास उपलब्ध कराना है। इस कल्याणकारी पहल से लाखों लोगों को समृद्धि और सुरक्षा मिली है। भाजपा, असम प्रदेश ने इस महत्वाकांक्षी योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।
प्रदेश प्रवक्ताओं ने इस उपलब्धि का श्रेय मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व को दिया, जिन्होंने इस योजना को असम में व्यापक रूप से लागू किया, जो भाजपा के चुनावी घोषणापत्र के अनुरूप था। पार्टी ने इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
2011 की सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी) और 2018 के विशेष सर्वेक्षण के अनुसार, असम में 26,11,793 परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र लाभार्थी के रूप में चिह्नित किए गए थे। इनमें से 20,46,553 परिवारों को इस बीच घर मिल चुका था और आज के वितरण कार्यक्रम के बाद यह संख्या 24,35,091 तक पहुंच गई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अक्टूबर तक अतिरिक्त 3.8 लाख परिवारों को घर उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग अब तक लाभ से वंचित रह गए हैं, उनके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ‘आवास प्लस’ सर्वेक्षण किया जाएगा, जिससे पात्र परिवारों की पहचान की जा सके।
इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी पात्र व्यक्ति छूट न जाए, असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ‘सखियां’ घर-घर जाकर स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर जरूरतमंदों की पहचान करेंगी। मुख्यमंत्री ने उन नागरिकों से भी आग्रह किया जो पिछले सर्वेक्षणों में छूट गए थे, वे जियो-टैगिंग के माध्यम से स्वयं पंजीकरण कराकर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
राज्य सरकार ने सभी आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को सुरक्षित आवास प्रदान करने के उद्देश्य से अतिरिक्त 15 लाख घर बनाने की योजना बनाई है। आज की उपलब्धि भाजपा के ‘सबका साथ, सबका विकास’ की नीति को सशक्त करती है और सामाजिक उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होती है।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
