कानपुर, 25 दिसंबर (Udaipur Kiran) । भारत रत्न देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्म दिवस को भाजपाई जन्म शताब्दी के रूप में मना रहे हैं। बुधवार को कार्यकर्ताओं ने भाजपा मुख्यालय में स्थापित अटल जी की मूर्ति को नमन किया। भाजपा सांसद रमेश अवस्थी ने कहा कि देश के प्रति उनकी उनकी ईमानदारी और काम के प्रति लगन को हमेशा हमेशा के लिए याद रखा जाएगा। राजनीति और व्यक्तिगत जीवन में उन्होंने जो मुकाम हासिल किया है, उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।
भारत रत्न देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की 100वीं जयंती के अवसर पर देशभर में तमाम कार्यक्रम किए गए। कानपुर में भी भाजपाइयों ने कार्यक्रमों की शुरुआत नवीन मार्केट स्थित भाजपा मुख्यालय में स्थापित अटल बिहारी वाजपेई की मूर्ति को नमन करते हुए शुरू किया। साथ ही उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर लगाई गई चित्रों की प्रदर्शनी का उद्घाटन क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल, सांसद रमेश अवस्थी ने किया। दर्जनों नेताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि, अटल बिहारी वाजपेयी, भारत के दसवें प्रधानमंत्री और भारतीय राजनीति के एक अमर नक्षत्र है।
क्षेत्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अटल जी सक्रिय राजनीति में आए। हालांकि वे आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) से जुड़े थे। साथ ही संघ के प्रचारक के रूप में कार्य करते रहे। उनकी राजनीति का आरंभ भारतीय जनसंघ से हुआ, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने स्थापित किया था। 1957 में वह पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए। उनकी प्रतिभा और उत्कृष्ट भाषण कला ने उन्हें शीघ्र ही संसद में ख्याति दिलाई। उन्होंने जनसंघ के अध्यक्ष के रूप में संगठन को मजबूत किया और भारतीय राजनीति में दक्षिणपंथी विचारधारा को सशक्त मंच प्रदान किया।
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना
आगे कहा कि 1977 में जनता पार्टी सरकार के अंतर्गत वाजपेयी ने विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। इसी दौरान, उन्होंने भारत का नाम विश्व स्तर पर सम्मानित किया। 1980 में, जनता पार्टी से असंतोष के चलते उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी और अन्य नेताओं के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना की। भाजपा के गांधीवादी समाजवाद के विचार को उन्होंने बढ़ावा दिया। अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने और परमाणु परीक्षण कराकर भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश बनाया।
सांसद रमेश अवस्थी ने कहा कि 1998 में उनके के नेतृत्व में भारत ने राजस्थान के पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किया। यह भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में पहचान दिलाने का ऐतिहासिक क्षण था। देश में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के लिए इस परियोजना की शुरुआत की गई।
उदारीकरण की प्रक्रिया को गति दी और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
काव्य और साहित्य में योगदान
अटल बिहारी वाजपेयी न केवल राजनेता थे, बल्कि एक महान कवि और साहित्यकार भी थे। उनकी कविताएं उनकी गहरी संवेदनशीलता और राष्ट्रप्रेम को दर्शाती हैं। उनकी प्रसिद्ध कृतियों में मेरी इक्यावन कविताएं और संसद में तीन दशक शामिल हैं। उनकी कविताओं में संघर्ष, संकल्प और राष्ट्र के प्रति अटूट प्रेम की झलक मिलती है।
1992 में पद्म विभूषण, 1994 में लोकमान्य तिलक पुरस्कार और बेस्ट सांसद अवार्ड, 2015 में भारत रत्न, देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान। 16 अगस्त 2018 को लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया। उनकी मृत्यु से देश ने एक महान नेता, कवि और मार्गदर्शक को खो दिया। उनकी विरासत आज भी देशवासियों को प्रेरित करती है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष दीपू पांडेय ने व संचालन महामंत्री अवधेश सोनकर ने किया। संगोष्ठी में मुख्य रूप से प्रकाश शर्मा, हरीश मातरेजा, विजय सिंह सेंगर, संतोष शुक्ला, आनंद मिश्रा, उमेश निगम, अनिल दीक्षित, पूनम कपूर, रामलखन रावत, रंजीता पाठक, आशा पाल, प्रमोद त्रिपाठी, जन्मेजय सिंह, विनय पटेल, अनुपम मिश्रा, रोहित साहू, धीरज बाल्मिकी, हिमांशु शर्मा, अभिनव दीक्षित, जीतू कश्यप, विधि राजपाल, सुनीता गौड़, उर्मिला अवस्थी, अंशु ठाकुर, मनोज प्रधान, सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / Rohit Kashyap