Jammu & Kashmir

भाजपा नेता ने जम्मू में रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों को लेकर जताई गंभीर चिंता

जम्मू, 28 अप्रैल (Udaipur Kiran) । भाजपा नेता राजीव चाढक ने जम्मू में रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या न केवल जनसांख्यिकीय असंतुलन पैदा कर रही है बल्कि जम्मू की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी खतरा बन रही है।

राजीव चाढक ने कहा कि न तो जम्मू-कश्मीर की सीमा बांग्लादेश से लगती है और न ही म्यांमार से तो फिर ये लोग यहां कैसे पहुँच रहे हैं। भारत के अति संवेदनशील क्षेत्र जम्मू कश्मीर में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का बसना यह गहरी साजिश का संकेत हो सकता है और इसकी व्यापक जांच की आवश्यकता है।

चाढ़क ने कहा कि रोहिंग्या नागरिकों ने जम्मू के बाहु फोट, सुजंवां, किरयानी तालाब, नरवाल और बठिंडी जैसे इलाकों में अवैध कॉलोनियां बसा कर स्थानीय संसाधनों पर कब्जा कर लिया है । उन्होंने वहां दुकानों की स्थापना की है अपने निजी वाहन भी रखे हैं और पैसेंजर व लोड कैरियर गाड़ियाँ भी चला रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि इन लोगों को व्यवसाय और परिवहन लाइसेंस किस आधार पर जारी किए गए। गाड़ी किस आधार पर खरीदी गई यदि कोई अधिकारी या एजेंसी इस प्रक्रिया में शामिल है तो उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

राजीव चाढक ने यह भी दावा किया कि रेलवे यार्ड में सफाई जैसे कार्यों में भी रोहिंग्या प्रवासियों की नियुक्ति की गई है जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए घातक सिद्ध हो सकती है क्योंकि बिना किसी वैध पहचान और सुरक्षा जांच के ऐसे व्यक्तियों को भारतीय रेल जैसी संवेदनशील व्यवस्था में शामिल किया जाना सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत खतरनाक है।

उन्होंने कहा कि स्थानीय नागरिकों के बीच भी रोहिंग्या और बांग्लादेशी प्रवासियों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंता और असुरक्षा की भावना प्रबल हो रही है। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस मुद्दे पर आवाज उठाई है और प्रशासन से शीघ्र एवं निर्णायक कार्रवाई की मांग की लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।

उन्होंने केंद्र सरकार विशेष रूप से गृह मंत्रालय से अपील की है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। साथ ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन को भी निर्देशित किया जाए कि अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए।

जम्मू कश्मीर जैसे संवेदनशील प्रदेश रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को अतिशीघ्र जम्मू कश्मीर से बाहर करने के लिए केंद्र से सख्त हस्तक्षेप की मांग है।

(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता

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