HimachalPradesh

सियासी लाभ के लिए विमल नेगी मामले की सीबीआई जांच मांग रही भाजपा : सुक्खू

मुख्यमंत्री सदन में बोलते हुए

शिमला, 24 मार्च (Udaipur Kiran) । हिमाचल पावर कोर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत का मामला सोमवार को विधानसभा में फिर उठा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्षी दल भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में राजनीतिक लाभ लेने के लिए सीबीआई जांच की मांग कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेता सिर्फ राजनीति चमकाने के लिए नेगी के परिवार से मिलने पहुंचे थे लेकिन उनके इरादे पूरे नहीं हो सके। उन्होंने भाजपा को इस मामले में राजनीति करने से बचने की सलाह दी और कहा कि सरकार पहले ही 15 दिनों के भीतर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे चुकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।

मुख्यमंत्री सोमवार को विधानसभा में पुलिस और कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष द्वारा लाए गए कटौती प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे। विपक्ष की गैरमौजूदगी में सदन ने प्रस्तावों को नामंजूर कर दिया और बजट मांग को मंजूरी दे दी।

सीएम सुक्खू ने विपक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा आखिर सिर्फ सीबीआई जांच की मांग क्यों कर रही है? उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां भाजपा के नियंत्रण में हैं और इनका इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में इन एजेंसियों की छापेमारी पहले भी होती रही है, जैसे नादौन में हुई थी। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस तरह की जांच एजेंसियों का राजनीतिक लाभ नहीं उठाना चाहिए।

सुक्खू ने यह भी कहा कि विमल नेगी की पत्नी उनके लिए बहन समान हैं और सरकार इस मामले में पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ जांच कर रही है। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है और राज्य सरकार लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में अपराध की घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि वर्ष 2017 से 2020 तक भाजपा सरकार के दौरान प्रदेश में 44,426 एफआईआर दर्ज हुई थीं, जबकि मौजूदा सरकार के दौरान यह संख्या घटकर 42,180 रह गई है। इसी तरह भाजपा शासनकाल में 759 रेप के मामले दर्ज हुए थे, जबकि कांग्रेस सरकार में अब तक 742 मामले दर्ज हुए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने नशाखोरी के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं और पिट-एनडीपीएस एक्ट लागू कर नशे पर काफी हद तक नियंत्रण किया है। शिमला और सोलन जिले में पुलिस के प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते दो वर्षों में ड्रग तस्करों की 25.42 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है।

मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार पर खनन माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि नालागढ़ में 3,100 बीघा जमीन खनन माफिया को दी गई थी। उन्होंने कहा कि अब सरकार अवैध खनन रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर विधायकों की अध्यक्षता में कमेटियां गठित करेगी और खनन क्षेत्र की मैपिंग भी कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने सदन में हंगामा किया और फिर सदन से वॉकआउट कर दिया। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में अपराध बढ़ रहे हैं और सरकार इसे रोकने में विफल रही है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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