नई दिल्ली, 27 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि भाजपा लोकतंत्र को तार-तार कर रही है। भाजपा द्वारा लोकतंत्र, संविधान और भारत की आत्मा की हत्या के रोज नए कारनामे किए जा रहे हैं। गुरुवार को एमसीडी की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय पूरे दिन स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव कराने की कोशिश करती रहीं, लेकिन नहीं हो पाया। मेयर ने अपने अधिकारों का उपयोग कर स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव की अगली तारीख तय कर दी। यह संवैधानिक रूप से मेयर के अधिकार क्षेत्र में आता है।
आम आदमी पार्टी (आआपा) कार्यालय में शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर सिसोदिया ने कहा कि मेयर द्वारा सदन स्थगित किए जाने के बावजूद एलजी ने गुरुवार रात एमसीडी कमिश्नर को रात 10 बजे तक स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव संपन्न कराने के आदेश दिए। एलजी ने यह भी आदेश दिए कि अगर मेयर न मिले तो डिप्टी मेयर या किसी वरिष्ठ पार्षद की अध्यक्षता में चुनाव करा दिया जाए। इसके बाद रातभर भाजपा के लोग एमसीडी में बैठे रहे। जबकि आआपा और कांग्रेस के पार्षद अपने-अपने घर चले गए थे। इसके बाद शायद भाजपा को बुद्धि आई और उन्होंने रात में चुनाव को टाल दिया। लेकिन अब ये लोग आज (शुक्रवार) दोपहर एक बजे चुनाव करवाने जा रहे हैं। आखिर यह क्या षड़यंत्र है और इनका क्या लुटा जा रहा है, जो तय तारीख पर चुनाव कराने के बजाय पहले कराने के लिए उतावले हैं। इसके पीछे इनके अंदर कुछ तो बौखलाहट है।
उन्होंने कहा कि आआपा 5 अक्टूबर को निर्धारित स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में भाग लेगी। एडिशनल कमिश्नर की अध्यक्षता में स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव कराना असंवैधानिक है और आम आदमी पार्टी इसमें भाग नहीं लेगी।
वहीं, मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने कहा कि भाजपा असंवैधानिक तरीके से बार-बार नगर निगम के हाउस को चलाने की कोशिश करती आई है। गुरुवार देर रात जो आदेश शुक्रवार को दोपहर एक बजे चुनाव कराने का निकला, वह पूरी तरह से असंवैधानिक है। मेयर होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी बनती है कि स्टैंडिंग कमेटी के छठे सदस्य का चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो। मैंने एमसीडी कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर निर्देश दिए हैं कि आज का चुनाव पूरी तरह से गैरकानूनी है। गुरुवार को सदन में मैंने स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव कराने की तारीख 5 अक्टूबर तय की है और यह चुनाव 5 अक्टूबर को ही होगा। भाजपा को यह समझना पड़ेगा कि वह जिस तरह से एमसीडी को चलाने का प्रयास कर रही है और बार-बार हस्तक्षेप कर रही है, वह पूरी तरह से असंवैधानिक है।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी