जम्मू, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । शुक्रवार को भाजपा प्रवक्ता डॉ. अभिजीत जसरोटिया और वरिष्ठ नेता कुलभूषण महोत्रा ने लेक्चरर पदों के लिए हाल ही में जारी विज्ञापन को लेकर एनसी सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि संस्कृत, हिंदी, पंजाबी और डोगरी जैसी स्थानीय भाषाओं के साथ घोर भेदभाव किया जा रहा है।
प्रेस को संबोधित करते हुए डॉ. जसरोटिया ने विज्ञापन को जम्मू की भाषाई और सांस्कृतिक विरासत का सीधा अपमान करार दिया। उन्होंने एनसी सरकार पर क्षेत्र में डोगरा और अन्य भाषाई समुदायों की आकांक्षाओं की व्यवस्थित रूप से उपेक्षा करने का आरोप लगाया। डॉ. जसरोटिया ने कहा यह विज्ञापन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का घोर उल्लंघन करता है जिसमें स्थानीय भाषाओं और संस्कृत को प्राथमिकता दी गई है। यह भयावह है कि स्कूलों में कई रिक्तियों के बावजूद संस्कृत के लिए एक भी पद आवंटित नहीं किया गया है।
कुलभूषण महोत्रा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक महत्वपूर्ण आबादी द्वारा बोली जाने वाली पंजाबी को भी गलत तरीके से दरकिनार किया गया है, जिसके लिए केवल एक पद का विज्ञापन दिया गया है। उन्होंने कहा यह क्षेत्र की भाषाई विविधता के लिए सरकार की पूर्ण उपेक्षा को दर्शाता है। यह उन छात्रों के साथ अन्याय है जो अपनी मातृभाषा सीखने की इच्छा रखते हैं। डॉ. जसरोटिया ने डोगरी के न्यूनतम प्रतिनिधित्व की ओर भी इशारा किया जिसके लिए केवल तीन पदों का विज्ञापन दिया गया है। उन्होंने कहा डोगरी जम्मू की संस्कृति की धड़कन है जिसे लाखों लोग बोलते हैं। डोगरी बोलने वाले हिंदुओं और मुसलमानों की एनसी सरकार की उपेक्षा डोगराओं के खिलाफ उनकी चल रही प्रतिशोध की भावना को दर्शाती है। इस जानबूझकर की गई अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वरिष्ठ भाजपा नेता एच.एस. पम्मी ने इन चिंताओं को दोहराया और शिक्षा में सभी क्षेत्रीय भाषाओं के समान प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. जसरोटिया ने आश्वासन दिया कि भाजपा इस मामले को तत्काल हस्तक्षेप के लिए एलजी मनोज सिन्हा के पास ले जाएगी।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा