
जम्मू, 5 मार्च (Udaipur Kiran) । जम्मू के त्रिकुटा नगर स्थित भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी प्रवक्ता डॉ. अभिजीत जसरोटिया ने महाराजा हरि सिंह के बारे में उपमुख्यमंत्री द्वारा की गई हालिया टिप्पणियों की कड़ी निंदा की। टिप्पणियों को अनुचित बताते हुए डॉ. जसरोटिया ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व शासक की विरासत को कमतर आंकने का कोई भी प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रेस मीट में वरिष्ठ भाजपा नेता सुरिंदर सिंह गिल्ली और संजय बख्शी भी मौजूद थे। मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ. जसरोटिया ने महाराजा हरि सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व और जम्मू-कश्मीर के सामाजिक-आर्थिक और बुनियादी ढांचे को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा महाराजा हरि सिंह सिर्फ एक शासक नहीं थे बल्कि एक प्रगतिशील नेता थे जिन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और प्रशासन में सुधारों की अगुआई की। उनके शासन में न्याय, धर्मनिरपेक्षता और आधुनिकीकरण की झलक मिलती थी। डॉ. जसरोटिया ने हाशिए पर पड़े समुदायों के अधिकारों की रक्षा और समावेशी समाज को बढ़ावा देने में पूर्व शासक के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने धार्मिक सद्भाव के प्रति महाराजा की अटूट प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला जिसने क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उपमुख्यमंत्री की टिप्पणी पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए डॉ. जसरोटिया ने राजनीतिक नेताओं से ऐतिहासिक हस्तियों पर टिप्पणी करते समय जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया। उन्होंने इतिहास की सच्चाई को पहचानने और जम्मू-कश्मीर को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेताओं का सम्मान करने के महत्व को दोहराया। उन्होंने कहा महाराजा हरि सिंह का अपने लोगों के प्रति समर्पण सवालों से परे है। अनुचित बयान देने के बजाय नेताओं को सटीकता और सम्मान के साथ उनकी विरासत का सम्मान करना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री की टिप्पणी को तत्काल वापस लेने का आह्वान करते हुए डॉ. जसरोटिया ने चेतावनी दी कि इस तरह के बयान अनावश्यक विवाद पैदा करते हैं और जनता की भावनाओं को ठेस पहुँचाते हैं। उन्होंने महान नेताओं की विरासत को संरक्षित करने और ऐतिहासिक आख्यानों को बेदाग बनाए रखने के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। इस मामले पर पार्टी के रुख को मजबूत करते हुए उन्होंने घोषणा की कि 13 जुलाई को हमेशा जम्मू-कश्मीर के इतिहास में एक गद्दार दिवस और एक काले दिन के रूप में याद किया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस का समापन जम्मू-कश्मीर के लोगों से महाराजा हरि सिंह के योगदान को पहचानने और उनके नेतृत्व की ऐतिहासिक सच्चाई की रक्षा करने के लिए एकजुट होने की जोरदार अपील के साथ हुआ।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
