Uttar Pradesh

(संशाेधित) प्रभात पांडे के दाह संस्कार के समय ही भिड़े भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता, एक-दूसरे पर लगाते रहे हत्या का आरोप

अजय राय की अंत्येष्ठी में पहुंचे अजय राय

गोरखपुर, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । प्रदर्शन के दौरान मृत कांग्रेस कार्यकर्ता के अंतिम संस्कार में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पहुंचे। कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस ने जगह-जगह उनको रोकने का प्रयास किया, लेकिन कार्यकर्ता कई रास्तों को जानते थे, इस कारण रास्ता बदल-बदल कर गोरखपुर पहुंच गये। उधर अंतिम संस्कार पर पहुंचे भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गये और एक-दूसरे पर हत्या का आरोप लगाकर नारेबाजी करने लगे। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद दोनों को किसी तरह अलग किया। गोरखपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने अजय राय का रास्ता भी रोक दिया, लेकिन कांग्रेसियों ने दूसरे रास्ते से शव तक पहुंचा दिया। इस दौरान दोनों पार्टी के कार्यकर्ता काफी देर तक आपस में उलझ गये। इसके लिए पुलिस काफी मशक्कत करनी पड़ी।

देईपार निवासी 28 वर्षीय प्रभात पांडे बुधवार को लखनऊ में कांग्रेस के धरना प्रदर्शन में शामिल होने गए थे। इस दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। इसको लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी और सुबह ही कांग्रेस कार्यालय पर पहुंच गयी। कांग्रेसी हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। गुरुवार को मृतक प्रभात पांडे का शव दाह संस्कार के लिए गोरखपुर के कालेश्वर मोक्षधाम पर लाया गया। शव पहुंचते ही बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता जुट गए। भाजपा कार्यकर्ताओं को देखकर कांग्रेसी भड़क गए और आमने-सामने होकर एक दूसरे पर हत्या का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी करने लगे।इस दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय भी पहुंच गए। अजय राय को देखते ही भाजपा के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए और नारेबाजी करते हुए ‘ अजय राय, वापस जाओ’ का नारा लगाने लगे। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता भी भाजपाइयों से भिड़ गए और मामला बढ़ते देख पुलिस दोनों के बीच में आकर समझने की कोशिश करने लगी। तभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने दूसरे रास्ते से प्रदेश अध्यक्ष को शव के पास श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचा दिया। फिर से दोनों कार्यकर्ताओं में धक्का मुक्की होने लगी लेकिन पुलिस ने किसी तरह से मामले को संभालते हुए दोनों पक्षों को शांत कराया। दाह संस्कार के दौरान मोक्ष धाम पर काफी गहमा गहमी रही और अधिक संख्या में पुलिस के जवान मौजूद रहे। मुखाग्नि पिता दीपक पांडे ने दी।

(Udaipur Kiran)

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