देहरादून, 23अक्टूबर (Udaipur Kiran) । केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के नामांकन पत्र भरने की 29 अक्टूबर की तारीख जैसे—जैसे करीब आती जा रही है। टिकट के दावेदारों की बेचैनी भी बढ़ती जा रही है। कांग्रेस व भाजपा दोनों में से कोई भी दल अभी तक अपने प्रत्याशी के नाम तय नहीं कर पाया है। इससे पहले ही उम्मीदवारों के बीच अंतरद्वंद शुरू हो गया है।
भाजपा ने भले ही छह नाम का पैनल केंद्रीय बोर्ड को भेजा हो लेकिन इसमें अब नए दावेदारों के नाम लगातार जुड़ते जा रहे हैं। पूर्व सीडीएस बिपिन रावत की पुत्री से लेकर अन्य कई नाम अब चर्चाओं में है। भाजपा के आधा दर्जन दावेदार ऐसे हैं कि उन्हें अगर टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय चुनाव मैदान में ताल ठोकने को तैयार हैं। भले ही प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट यह कह रहे हो कि दावेदार कितने भी अधिक हाे लेकिन पार्टी एक है और एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी। हाई कमान जिसका भी नाम तय करेगा सभी उसको जिताने के लिए काम करेंगे।
भाजपा ने अपने स्तर पर स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी कर दी है, जिसमें राज्य सरकार के सभी मंत्री और भाजपा के सभी सांसदों से लेकर पूर्व मुख्यमंत्रियों के नाम भी शामिल है। उधर कांग्रेस भी प्रत्याशी के नाम पर मंथन करने में जुटी है। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि एक—दो दिन में नाम की घोषणा कर दी जाएगी। उधर गणेश गोदयाल का कहना है कि भाजपा बढ़ती महंगाई और भ्रष्टाचार तथा मूल निवास और भू कानून जैसे अहम मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए रोज नए—नए मुद्दों को खड़ा कर रही है। लेकिन जनता सरकार व भाजपा के नेताओं को इस चुनाव में करारा जवाब देने का मन बना चुकी है।
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(Udaipur Kiran) / राम प्रताप मिश्र