जम्मू, 22 जनवरी (Udaipur Kiran) । भाजपा ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों में जम्मू क्षेत्र के साथ कथित पक्षपात पर कड़ी आपत्ति जताई है। पार्टी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेतृत्व वाली सरकार पर जम्मू की कीमत पर कश्मीर क्षेत्र का पक्ष लेने का आरोप लगाया।
त्रिकुटा नगर में भाजपा मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भाजपा प्रवक्ता गिरधारी लाल रैना, भाजपा प्रवक्ता बलबीर राम रतन और मीडिया सचिव डॉ. प्रदीप महोत्रा के साथ 20 जनवरी को आयोजित कैबिनेट बैठक के परिणामों की आलोचना की। रैना ने कहा जबकि कश्मीर प्रांत को पर्याप्त वित्तीय आवंटन के साथ स्पष्ट प्रस्ताव प्राप्त होते हैं जम्मू क्षेत्र को कम महत्व या अस्पष्ट अनुमानों के अनुमोदन के साथ छोड़ दिया जाता है।
कैबिनेट ने कई प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिनमें डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के मानदंडों के अनुसार श्रीनगर के सरकारी डेंटल कॉलेज और इंदिरा गांधी सरकारी डेंटल कॉलेज, जम्मू में 3-स्तरीय संकाय संरचना का कार्यान्वयन, श्रीनगर के अचन डंपिंग स्थल पर 11 लाख मीट्रिक टन विरासत अपशिष्ट के बायोमाइनिंग और बायोरेमेडिएशन के लिए प्रशासनिक स्वीकृति, जिसकी अनुमानित लागत 60.50 करोड़ रूपये है शामिल है। इसी के साथ श्रीनगर में झेलम नदी के प्रदूषण में कमी और संरक्षण और कटरा शहर में बाणगंगा नदी, जिसकी लागत 92.10 करोड़ रूपये है, दोनों ही राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के अंतर्गत हैं।
श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में आपातकालीन ऑपरेशन थियेटर के लिए एक नए अस्पताल ब्लॉक का निर्माण, जेएंडके सेवा चयन बोर्ड द्वारा अनुशंसित वेतन स्तर-6 के पदों के लिए मौखिक परीक्षा समाप्त करने की स्वीकृति, इसके अतिरिक्त, जेएंडके आबकारी नीति में संशोधन, माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में संशोधन और 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में संशोधन को भी मंजूरी दी गई।
रैना ने एनसी सरकार की पक्षपातपूर्ण और भेदभावपूर्ण नीतियों की निंदा की और आरोप लगाया कि जम्मू को विकास और संसाधन आवंटन के मामले में उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा नेताओं ने ऐसी असमानताओं को उजागर करने और जम्मू-कश्मीर के सभी क्षेत्रों के साथ समान व्यवहार की वकालत करने की कसम खाई।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा