Uttrakhand

मानव स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित करती है बायोमैग्नेटिक ऊर्जा

कार्यशाला में शामिल कुविवि के प्राध्यापक एवं अन्य।

नैनीताल, 9 जनवरी (Udaipur Kiran) । कुमाऊं विश्वविद्यालय के अतिथि व्याख्याता निदेशालय द्वारा गुरुवार को बायोमैग्नेटिक थेरेपी पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में मुख्य वक्ता त्रिलोक सिंह फर्त्याल ने स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन बताते हुए कहा कि वर्तमान समय में मानव जीवनकाल पर खासकर सर्वाइकल, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, गठिया, सांस और गुर्दे से संबंधित रोग गंभीर समस्याएं बन चुके हैं।

श्री फर्त्याल ने कहा कि बायोमैग्नेटिक ऊर्जा सीधे रक्त संचार और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है और शरीर के विभिन्न अंगों में संतुलन बनाए रखने में सहायक होती है। निदेशक प्रो. ललित तिवारी ने बताया कि रक्त में मौजूद लोहा मैग्नेट के संपर्क में आकर बेहतर रक्त संचार में मदद करता है। यह थेरेपी शरीर में ऊर्जा प्रवाह को सुचारु करती है और स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में सहायक सिद्ध हो सकती है। इस दौरान फर्त्याल, मंजू साह और राजकुमार बासकोटी ने आयुष मंत्रालय से मान्यता प्राप्त मैग्नेटिक गद्दे और तकिए जैसे अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया।

कार्यशाला में प्रो. गीता तिवारी, डॉ. पैनी जोशी, डॉ. ईरा तिवारी, डॉ. मैत्रेय नारायण, डॉ. नगमा परवीन, डॉ. नवीन पांडे, पंकज कश्यप, विशाल बिष्ट, आनंद, दिशा, हिमानी, अदिति जोशी सहित शोध छात्र और अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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