
अजमेर, 9 जून (Udaipur Kiran) । बिजयनगर ब्लैकमेल कांड में विशेष न्यायालय पोक्सो एक्ट ने मुख्य आरोपित दुपहिया वाहन के गैराज में हेल्पर का काम करने वाले गुलाबपुरा निवासी अफराज उर्फ जिब्राईल 18 पुत्र सलाम कुरेशी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। अदालत ने फैसले में लिखा कि आरोपित ने हिंदू मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच आपसी वैमनस्यता की भावना फैलाने का काम किया है जो अत्यंत संवेदनशील व गंभीर है। आरोपित पीड़िताओं को फोटो व वीडियो के सहारे धमकाता था। इससे पहले अदालत ने पूर्व पार्षद हकीम कुरैशी सहित चार आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी।
उल्लेखनीय है कि बिजयनगर थाना पुलिस ने इस मामले में 3 एफआईआर के जरिए पीड़िताओं के बयान के आधार पर 16 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इनमें से 11 बालिग और 5 नाबालिग थे।
पॉक्सो कोर्ट के सरकारी वकील प्रशांत यादव ने बताया कि कोर्ट ने आरोपित की जमानत अर्जी खारिज करते हुए टिप्पणी की है कि यह अत्यंत ही गंभीर प्रकृति का अपराध है और आरोपित की ओर से दो समुदाय के लोगों के बीच आपसी शत्रुता, घृणा, और वैमनस्यता की भावना फैलाने का काम किया है। बच्चियों के साथ बढ़ते इस प्रकार के अपराधिक मामले में आरोपित के अपराध को देखते हुए की जमानत याचिका खारिज की जाती है।
सरकारी वकील प्रशांत यादव ने बताया कि मुख्य आरोपित की जमानत खारिज करने के लिए कोर्ट में तर्क रखा था कि आरोपित नाबालिग पीड़िताओं को मोबाइल उपलब्ध कराकर अपने दोस्तों से बात करने के लिए मजबूर करता था। अन्य आरोपितों से फिजिकल रिलेशन बनने और मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए भी दबाव बनाता था। इसके साथ खुद भी पीड़िता से अश्लील हरकत करता था।
इससे पहले कोर्ट ने पूर्व पार्षद हाकिम कुरैशी, कैफे संचालक श्रवण जाट, सहित दो नाबालिग आरोपितों की जमानत अर्जी को भी खारिज कर दिया था।उल्लेखनीय है कि यह मामला 15 फरवरी 25 को उजागर हुआ था। 16 फरवरी को पुलिस ने 5 आरोपितों को एक ही बार में पकड़ लिया था जिसमें रेहान, सोहेल मंसूरी, लुकमान, अफराज और एक नाबालिग शामिल थे। बाद में घटना को लेकर पूरे राजस्थान में मामला गर्मा गया। आरोपितों के खिलाफ आंदोलन व धरना प्रदर्शन होने लगे। सरकार ने मामले की जांच पहले अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर पर कराई फिर एसआईटी से कराई ।
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(Udaipur Kiran) / संतोष
