पटना, 25 सितम्बर (Udaipur Kiran) । प्रदेश के गन्ना मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने बुधवार को कहा कि राज्य में पहली बार बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन के साथ 81 गुड़ इकाइयों के लिए 12 करोड़ 40 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं और राज्य के चीनी मिलों में पेराई क्षमता लगभग दूनी होने से गन्ना उद्योग में व्यापक संभावनाएं दिख रही हैं। इसके फलस्वरूप चीनी उत्पादन मे बिहार अभी देश में पांचवें स्थान पर है और जल्द ही तीसरे स्थान पर कायम होगा।
सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित गन्ना उद्योग विभाग के संवाददाता सम्मेलन में मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने विभाग की गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन कार्यक्रम-राज्य में पहली बार बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन की स्वीकृति प्रदान की गयी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 81 गुड़ इकाइयों की स्थापना के लिए 12 करोड़ 40 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इस योजना में पारदर्षिता लाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उद्यमियों से आवेदन लेने की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जायेगी। इसके लिए विभाग द्वारा केन केयर सॉफ्टवेयर का निर्माण किया गया है।
मंत्री कृष्ण नंदन ने कहा कि चतुर्थ कृषि रोड मैप-गन्ना राज्य का एक महत्वपूर्ण नकदी एवं वाणिज्यिक फसल है। कृषि आधारित उद्योगों में गन्ना आधारित चीनी उद्योग का एक महत्वपूर्ण स्थान है। गन्ना आधारित उद्योग के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की आय में बढ़ोतरी संभव है। इन उद्योगों में बड़े पैमाने पर रोजगार का अवसर उपलब्ध होता है। राज्य सरकार गन्ना की खेती तथा गन्ना आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए कृषि रोड मैप कार्यक्रम लागू कर रही है। कृषि रोड मैप कार्यक्रम के कार्यान्वयन के फलस्वरूप राज्य में चीनी का उत्पादन वर्ष 2006-07 में 4.51 लाख मीट्रिक टन था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 6.87 लाख मीट्रिक टन हो गया है।
मंत्री ने कहा कि सत्र 2023-24 अन्तर्गत राज्य की चीनी मिलों द्वारा 677.20 लाख क्विंटल (गत वर्ष की तुलना में लगभग 14.24 लाख क्विंटल अधिक) गन्ने की पेराई करते हुए 10.16 प्रतिशत रिकवरी के साथ 68.77 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया है। साथ ही राज्य की चीनी मिलों के साथ संबद्ध डिस्टीलरी इकाई द्वारा 86298.72 किलो लीटर इथेनॉल का उत्पादन किया गया है। गन्ना कास्तकारों को 99.34 प्रतिशत कुल 23 अरब 54 करोड़ 80 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है। विष्णु सुगर मिल, गोपालगंज को छोड़कर सभी चीनी मिलों द्वारा शत-प्रतिशत ईख मूल्य का भुगतान कर दिया गया है।
(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी