Uttar Pradesh

स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बीएचयू ने की ‘रीच ट्रायल’ की शुरुआत

फोटो प्रतीक

वाराणसी,15 अप्रैल (Udaipur Kiran) । काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, बेलगावी के सहयोग से, ‘रीच ट्रायल’ की शुरुआत की है। यह एक बहु-देशीय, बहु-केंद्रित, क्लिनिकल स्टडी है, जिसका उद्देश्य मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना है।

रीच ट्रायल के प्रमुख अन्वेषक प्रो.उमा पांडेय के अनुसार इस परियोजना से मातृ स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होने की उम्मीद है और इसमें प्रमुख चिकित्सा विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और हितधारकों की भागीदारी होगी। यह ट्रायल मातृ स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा और वैश्विक स्तर पर मातृ देखभाल को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

भारत में इस ट्रायल का नेतृत्व जेएनएमसी, महिला एवं शिशु स्वास्थ्य अनुसंधान इकाई कर रही है। इसमें आईएमएस बीएचयू वाराणसी, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, एमजीआईएमएस वर्धा, एससीबी मेडिकल कॉलेज कटक, बेल्लारी मेडिकल कॉलेज भाग ले रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि जेएनएमसी, महिला एवं शिशु स्वास्थ्य अनुसंधान इकाई, भारत के चार डब्ल्यू एचओ सहयोगी केंद्रों में से तीन के साथ इस अध्ययन में भाग ले रही है, जो मातृ और प्रसव पूर्व स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए समर्पित हैं।

प्रो. पांडेय के अनुसार यह एक रेगुलेटरी ट्रायल है और यह पहले किए गए डब्ल्यूएचओ के चैम्पियन ट्रायल (हीट स्टेबल कार्बेटोसिन द्वारा पोस्टपार्टम हेमरेज की रोकथाम) का अगला चरण है। गौरतलब है कि हीट स्टेबल कार्बेटोसिन और एटोसीबान (एक टोकोलिटिक एजेंट) ही दो ऐसी दवाएं हैं जो पिछले सौ वर्षों में प्रसूति तंत्र के लिए विकसित की गई हैं। इस रीच ट्रायल में 7 देश भाग लेंगे, 27 साइट्स पर अध्ययन होगा और 6,200 महिलाएं प्रतिभागी होंगी। यह ट्रायल डब्ल्यूएचओ के चैम्पियन ट्रायल नेटवर्क के अंतर्गत 27 तृतीयक स्तर के अस्पतालों में आयोजित किया जाएगा, जो अर्जेंटीना, केन्या, भारत, नाइजीरिया, युगांडा, दक्षिण अफ्रीका और यूनाइटेड किंगडम में स्थित हैं।

इस कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार को सर सुंदरलाल अस्पताल, बीएचयू के एमसीएच सेमिनार कक्ष में किया गया। इसकी शुरुआत प्रोफेसर एस.एन. संखवार (निदेशक, आईएमएस, बीएचयू )ने किया। कार्यकम में प्रोफेसर शिवप्रसाद गौदार (शोध निदेशक, जेएनएमसी, बेलगावी )ने भी विचार व्यक्त किए। इस कार्यक्रम में सलाहकार, जेएनएमसी, पूर्व महानिदेशक, आईसीएमआर प्रोफेसर चंद्र शेखर, इंचार्ज नवजात शिशु विज्ञान,आईएमएस, बीएचयू, विभागाध्यक्ष, प्रसूति एवं स्त्रीरोग विभाग, जेएनएमसी प्रोफेसर येशिता आदि भी उपस्थित रही।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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