— कुलपति प्रो.सुधीर जैन ने समर्पित किया सयाजी राव केन्द्रीय ग्रंथालय का विस्तार खंड
— 50,000 से अधिक किताबें रखने के लिए भी स्थान
वाराणसी,20 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू)के ऐतिहासिक सयाजी राव केन्द्रीय ग्रंथालय की क्षमता में 700 सीटों का विस्तार हुआ है। इससे पुस्तकालय की क्षमता वर्ष 2021 के मुकाबले तकरीबन तीन गुना हो गई है। कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने शुक्रवार को केन्द्रीय ग्रंथालय के नए विस्तार खंड को विद्यार्थियों को समर्पित किया। भूतल तथा पांच मंज़िलों के इस भवन में तकरीबन 50,000 पुस्तकों को रखने के लिए स्थान भी उपलब्ध हुआ है। इसके अलावा पुस्तकालय के तीन अनुभागों (तकनीकी, पत्रिका एवं क्य अनुभाग) को भी यहां स्थानांतरित किया जाएगा। विद्यार्थियों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने एवं पठन-पाठन के वातावरण को और सशक्त करने पर कुलपति प्रो.जैन का विशेष ज़ोर रहा है। ये सुविधाएं इसी प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप विकसित हुई हैं।
कुलपति प्रो.जैन ने नवनिर्मित भवन का दौरा किया तथा विद्यार्थियों के अध्ययन व पुस्तकें रखने के लिए विकसित सुविधाओं का जायज़ा लिया। उन्होंने पुस्तकालय प्रशासन से कहा कि स्थान व संसाधनों को विवेकपूर्ण इस्तेमाल किया जाए, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थियों को सुविधाओं का लाभ मिले। पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. डी. के. सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए बैठने के स्थान की कमी लंबे समय से चुनौती बनी हुई थी। पिछले तीन वर्ष में पुस्तकालय में सुविधाओं का निरंतर विकास व उन्नयन हुआ है। वर्ष 2021 में 850 विद्यार्थियों की क्षमता की तुलना में अब सयाजी राव केन्द्रीय ग्रंथालय की क्षमता तकरीबन 2500 विद्यार्थियों की हो गई है।
उन्होंने बताया कि केन्द्रीय पुस्तकालय में हर रोज़ तकरीबन 6000 से अधिक विद्यार्थी एवं शिक्षक आते हैं। यहां 15 लाख से अधिक पुस्तकें, 90,000 ई-पुस्तकें तथा 17,000 से अधिक शोध पत्र हैं। पुस्तकालय में सुविधाओं का विस्तार होने से विश्वविद्यालय के सदस्यों को काफी सहूलियत हो रही है, खासतौर से वंचित वर्गों से आने वाले विद्यार्थियों को। पुस्तकालय को विद्यार्थियों के अनुकूल बनाने तथा सुविधाओं के विकास की दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं। पुस्तकालय के वार्षिक आवंटन में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। साइबर लाइब्रेरी हर रोज़ सुबह 8 बजे से अगले दिन सुबह 5 बजे तक खुली रहती है, जिससे विद्यार्थियों को काफी सुविधा होती है। वर्ष 2021 में साइबर लाइब्रेरी 15 घंटे ही खुलती थी। केन्द्रीय पुस्तकालय का उन्नयन तथा आधुनिक सुविधाओं का विकास भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस योजना के तहत किया जा रहा है।
—————
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी