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वाराणसी,27 अगस्त (Udaipur Kiran) । काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के दंत चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. रोमेश सोनी को 13वें इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ ओरल इम्प्लांटोलॉजी में अपने शोध की प्रस्तुति के लिए पुरस्कार मिला। इस सम्मेलन में विशेष रूप से भारत और विदेश से डेंटल इम्प्लांटोलॉजिस्ट ने भाग लिया। यह 23 से 25 अगस्त तक लखनऊ में आयोजित किया गया था।
डॉ. रोमेश ने निकलने-पहनने वाले डेन्चर और स्थिर दंत प्रत्यारोपण पर शोध किया। उनके अध्ययन में पाया गया कि निश्चित दंत प्रत्यारोपण से चबाने की क्षमता में सुधार होता है और मस्तिष्क में रक्त परिसंचरण बढ़ता है, जिससे मस्तिष्क के कई क्षेत्रों की कार्यक्षमता बढ़ती है। डॉ. एच. सी. बरनवाल, डीन (दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय, आईएमएस, बीएचयू) ने उल्लेख किया कि मस्तिष्क के कुछ क्षेत्रों में बढ़ी हुई गतिविधि बुजुर्ग व्यक्तियों में मनोभ्रंश के जोखिम को कम कर सकती है।
डॉ. रोमेश सोनी ने मंगलवार को बताया कि फिक्स्ड डेंटल इम्प्लांट दांत न केवल चबाने में मदद करते हैं बल्कि समग्र स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते हैं।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी / मोहित वर्मा
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