Madhya Pradesh

भोपालः परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसकी मां के खिलाफ एफआईआर दर्ज

सौरभ शर्मा और उसकी मां उमा शर्मा (फाइल फोटो)

ग्वालियर, 22 मार्च (Udaipur Kiran) । लोकायुक्त के छापे में करोड़ों की संपत्ति मिलने के बाद परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के मामले में अब पुलिस की भी एंट्री हो गई है। लोकायुक्त, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) के बाद अब ग्वालियर पुलिस ने सौरभ शर्मा और उसकी मां उमा शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोप हैं कि सौरभ व उसकी मां ने अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए शपथ पत्र में झूठी जानकारी दी थी। दोनों ने शपथ पत्र में बताया था कि उनके परिवार में किसी की सरकारी नौकरी नहीं हैं, जबकि सौरभ का भाई छत्तीसगढ़ में शासकीय सेवा में पदस्थ था।

जानकारी के अनुसार, परिवहन विभाग की तरफ से सौरभ और उसकी मां उमा शर्मा के खिलाफ ग्वालियर के सिरोल थाना में शुक्रवार देर रात करीब साढ़े 11 बजे धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है, जिसमें बताया गया है कि साल 2016 में परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति लेते समय सौरभ और उसकी मां उमा शर्मा ने शपथ पत्र में बड़े भाई सचिन शर्मा की छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी की बात छिपाई थी।

पुलिस को दिए आवेदन के मुताबिक, सहायक परिवहन आयुक्त (शिकायत) किरन कुमार को एक जनवरी 2025 को संयुक्त परिवहन आयुक्त (प्रशासन) की ओर से एक पत्र मिला था, जिसमें सेवानिवृत परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा की नियुक्ति को लेकर दिए गए शपथ पत्र की जांच के निर्देश थे। सहायक परिवहन आयुक्त (शिकायत) ने जांच की और सर्विस रिकॉर्ड मंगाया। सौरभ शर्मा ने शपथ पत्र में यह जिक्र नहीं किया कि उसका बड़ा भाई सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी में है। सौरभ की नियुक्ति के लिए उसकी मां उमा शर्मा ने भी शपथ पत्र दिया था। जिसमें बड़े बेटे की सरकारी नौकरी की बात छिपाई थी। जांच के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त विभाग में संपर्क किया गया और वेबसाइट से कर्मचारियों की सूची निकाली तो वहां सौरभ के बड़े भाई सचिन शर्मा के सड़क विकास निगम रायपुर में तैनात होने की पुष्टि हुई। जिससे शपथ पत्र झूठे होने का प्रमाण मिला है।

ग्वालियर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि सिरोल थाना में आरोपी सौरभ शर्मा और उनकी मां के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज किया गया है। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई के लिए साक्ष्यों को एकत्र कर रही है। उल्लेखनीय है कि सौरभ के भोपाल स्थित आवास पर लोकायुक्त टीम ने दिसंबर 24 में छापामार कार्रवाई की थी। इसके बाद ईडी ने भी कार्रवाई की थी, जिसमें 52 किलो सोना व 11 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई थी। सौरभ भोपाल की जेल में हैं।

(Udaipur Kiran) तोमर

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