
भोपाल, 16 अप्रैल (Udaipur Kiran) । वन विभाग द्वारा गिद्ध संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की गयी है। इसी क्रम में लुप्तप्राय गिद्ध प्रजातियों को बचाने और उनके संरक्षण के लिए बुधवार को गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन सेंटर केरवा भोपाल के छह केप्टिव ब्रीडिंग गिद्धों को प्राकृतिक रहवास हलाली डेम के वन क्षेत्र में छोड़ा गया। इनमें दो सफेद पीठ वाले गिद्ध एवं 4 लम्बी चोंच वाले गिद्धों को मुक्त किया गया।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव शुभरंजन सेन ने बताया कि मुक्त किये गये सभी गिद्धों पर ऑर्निट्रैक-25 सौर ऊर्जा चलित जीपीएस-जीएसएम ट्रैकर लगाये गये हैं। इसके माध्यम से उनके आवागमन के पैटर्न और आवास उपयोग की निगरानी की जा रही है।
सेन ने बताया कि डायरेक्टर टेक फॉर कंजर्वेशन जी. अरेन्द्रन, विश्व प्रकृति निधि भारत द्वारा गिद्धों को ऑर्निट्रैक-25 सौर ऊर्जा चलित जीपीएस-जीएसएम ट्रैकर लगाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि हलाली डेम के आसपास की बस्तियों में टैग किये गये गिद्धों की सुरक्षा एवं जागरूकता के लिये पर्चे बाँटे गये हैं। इनमें आम लोगों से अपील की गयी है कि अगर गिद्ध घायल होते हैं या उन्हें कोई नुकसान पहुँचता है, तो वे तत्काल वन विभाग को सूचित करें।
गिद्धों के पहले समूह को प्राकृतिक रहवास हलाली डेम के वन क्षेत्र में छोड़ने के अवसर पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव एल. कृष्णमूर्ति, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान संचालक मीना अवधेश कुमार शिव कुमार, वन विहार के सहायक संचालक संदेश माहेश्वरी, बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी मुम्बई के प्रतिनिधि, उप संचालक डॉ. सुजीत नरवड़े, डॉ. सरवन सिंह राठौर, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, डॉ. सेमसन, गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र केरवा भोपाल श्री संजय परिहार, विश्व प्रकृति निधि भारत की प्रतिनिधि संगीता सक्सेना, अजय मिश्रा और रायसेन वन मण्डल के अधिकारी उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) तोमर
