
भोपाल, 14 मई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बेंगलुरू में आज भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (एमईएमएल) को मध्य प्रदेश के रायसेन के ग्राम उमरिया में 148 एकड़ भूमि आवंटन का पत्र सौपा। रायसेन में 1800 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक रेल कोच निर्माण परियोजना स्थापित की जाएगी। परियोजना से प्रदेश में रेल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूती मिलेगी, साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। एक माह में रायसेन जिले में रेल कोच निर्माण इकाई के लिए भूमि-पूजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को बेंगलुरू में आयोजित इंटरेक्टिव सेशन में विभिन्न निवेशकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नए उद्योगों की स्थापना के लिए सभी कार्य समयबद्ध तरीके से किए जा रहे हैं। बेंगलुरू में निवेशकों की ओर से मिले रिस्पांस के लिये कनार्टक की राजधानी बेंगलुरु में पधारे सभी इंवेस्टर्स को धन्यवाद देता हूँ। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर्स ने मध्यप्रदेश की नीति पर भरोसा जताया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में निवेश को लेकर आज बेंगलुरु में आयोजित कार्यक्रम में शानदार प्रतिक्रिया मिली। पिछले दौरे में मिले प्रस्ताव अब धरातल पर उतर रहे हैं। सभी विभागों की दृष्टि से मध्य प्रदेश देश का सबसे तेजी से आगे बढ़ता राज्य है। एनर्जी, आइटी, रियल एस्टेट, रेडीमेड गारमेंट्स और टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन तो हमारा प्रिय निवेश क्षेत्र है। स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर निवेशक आ रहे हैं। आज बेंगलुरू से रेलवे कोच बनाने वाली कम्पनी बीईएमएल ने लगभग दो हजार करोड़ का निवेश मध्य प्रदेश में करते हुए भविष्य में रेल के सभी कोच (डब्बे) बनने का काम करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की उद्योग हितैषी नीतियों के कारण उम्मीद से ज्यादा सफलता मिल रही है।
इंटरैक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अपॉर्चुनिटीज इन मध्य प्रदेश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंटरैक्टिव सेशन में इसमें टेक्सटाइल में बेस्ट कॉर्पोरेशन के एमडी आर राजकुमार, नॉइज समूह के डायरेक्टर मनीष सिंह चौहान, आईटी सेक्टर में एएनएसआर जीसीसी के सीईओ ललित आहूजा, ओरेकल कार्पोरेशन की नेशनल हेड (पॉलिसी) अश्लेशा खान्देपरकर, इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट्स सेक्टर में लैप इंडिया के एमडी सुमित मिश्रा, हिन्दुस्तान कोका कोला के सीईओ हर्ष भूटानी, हॉस्पिटालिटी सेक्टर में रॉयल ऑर्केड के संस्थापक एमडी चंदेर बालजी, जीआईबीएस बिजनेस स्कूल के संस्थापक एमडी रितेश गोयल और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में ग्रीनको के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बंडारू नरसिम्हा राव से वन-टू-वन चर्चा की।
बेंगलुरू में हुए ‘इंटरैक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अपॉच्र्युनिटीज इन मध्य प्रदेश’ संवाद सत्र में उद्योग जगत के 250 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सत्र में प्रदेश निवेश संभावनाओं, नई निवेश नीतियों, इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर व्यापक प्रेजेंटेशन दिए गए।
तीन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने किये अनुभव साझा
इंटरैक्टिव सेशन में निवेशकों ने मध्य प्रदेश में उपलब्ध संसाधनों और सुविधाओं की प्रशंसा की। सेशन में सुमित मित्रा (एमडी, लैप इंडिया), शांतनु रॉय (अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, बीईएमएल) और स्मिथा हेम्मिगे (एमडी मार्केटिंग, एएनएसआर) ने मध्य प्रदेश में निवेश की संभावनाओं और उनके द्वारा प्रदेश में स्थापित की जाने वाली इकाईयों के संबंध में राज्य सरकार से मिली सुविधाओं के अपने अनुभव साझा किये।
उद्योगपतियो के साथ परिसंवाद
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों के साथ परिसंवाद भी किया। उद्योगपतियों ने मध्य प्रदेश द्वारा उद्योगों के लिये दी जा रही सुविधाओं के संबंध में संवाद किया। प्रमुख सचिव राघवेन्द्र कुमार सिंह ने उद्योगपतियों को प्रदेश की औद्योगिक नीतियों और उनके माध्यम से निवेश प्रोत्साहन के लिये दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी।
मध्यप्रदेश में पर्यटन के श्रेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबन्ध संचालक इलैयाराजा टी ने निवेशकों से प्रेजेंटेशन के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने हाल ही में लॉच की गई नई पर्यटन नीति-2025 पर प्रकाश डाला, जिसमें राज्य में पर्यटन क्षेत्र के विकास और निवेश की व्यापक संभावनाओं को रेखांकित किया गया। इस नीति के तहत मध्य प्रदेश में पर्यटन से जुड़े नवाचारों और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया गया है, जो निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर प्रदान करता है। यह सत्र मध्य प्रदेश को एक प्रमुख पर्यटन और निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मध्य प्रदेश बन रहा है देश का नया टेक्नोलॉजी और इनोवेशन हब
मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक आशीष वशिष्ठ ने कहा कि जब देश के परंपरागत तकनीकी केंद्र जैसे दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु महंगी लागत, संसाधनों पर दबाव और प्रतिभा की अधिकता जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, तब भोपाल, इंदौर, कानपुर, जयपुर और रायपुर जैसे उभरते शहर तकनीकी नवाचार के नए केंद्र के रूप में तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। वशिष्ठ ने कहा कि इन शहरों की सबसे बड़ी खासियत है कि कम संचालन लागत, प्रशिक्षित युवा प्रतिभा की उपलब्धता, कर्मचारियों को बनाए रखने की बेहतर दर और राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले प्रोत्साहन से ये शहर देश के अगले इनोवेशन हब बनने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ा रहे हैं।
(Udaipur Kiran) तोमर
