जम्मू 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । सीएसआईआर जिज्ञासा कार्यक्रम के तहत स्कूल शिक्षा निदेशालय जम्मू के सहयोग से भारती एयरटेल फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक्सपोजर विजिट शुक्रवार को भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान आईआईआईएम जम्मू में संपन्न हुई। इस कार्यक्रम में जम्मू, सांबा और राजौरी जिलों के सरकारी स्कूलों के 81 विज्ञान शिक्षकों ने भाग लिया जिन्हें भारती एयरटेल फाउंडेशन ने अपने गुणवत्ता समर्थन कार्यक्रम के तहत सहयोग दिया। कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को अत्याधुनिक विज्ञान और अनुसंधान सुविधाओं में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना था जिससे व्यावहारिक विज्ञान और अनुसंधान विधियों की उनकी समझ बढ़े।
इस पहल का उद्देश्य विज्ञान शिक्षकों को ऐसे कौशल से लैस करना था जिससे वे अपनी कक्षाओं में छात्रों को अधिक प्रभावी ढंग से प्रेरित और संलग्न कर सकें। सीएसआईआर, आईआईआईएम जम्मू के निदेशक डॉ. ज़बीर अहमद ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और उन्हें ऐसे अवसरों का पूरा लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बारे में जागरूकता बढ़ाने में सीएसआईआर जिज्ञासा कार्यक्रम जैसी पहलों के महत्व पर प्रकाश डाला जो समाज के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारती एयरटेल फाउंडेशन के क्षेत्रीय प्रमुख श्री अनिल भट ने स्कूल शिक्षा निदेशालय के सहयोग से जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों को सहायता प्रदान करने के लिए फाउंडेशन के चल रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। सीएसआईआर, आईआईआईएम में मुख्य वैज्ञानिक और आरएमबीडी एवं आईएसटी के प्रमुख अब्दुल रहीम ने कौशल भारत पहल के बारे में बात की जो स्कूल स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए शिक्षकों के कौशल को उन्नत करने पर केंद्रित है।
कार्यशाला की शुरुआत तकनीकी व्याख्यानों और व्यावहारिक सत्रों के साथ हुई जिसका नेतृत्व वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और किण्वन एवं माइक्रोबियल जैव प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख डॉ. आशा चौबे ने किया जो जिज्ञासा कार्यक्रम की नोडल वैज्ञानिक भी हैं। शिक्षकों को स्कूल पाठ्यक्रम के अनुरूप बुनियादी विज्ञान प्रयोग करने का अवसर मिला जिससे उन्हें मूल्यवान व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हुआ जिसे वे अपनी कक्षाओं में वापस ले जा सकते हैं। एक्सपोजर विजिट ने वैज्ञानिक अनुसंधान और कक्षा शिक्षण के बीच की खाई को पाटने में एक महत्वपूर्ण कदम को चिह्नित किया जिसने वैज्ञानिक समुदाय और शिक्षकों के बीच संबंध को और मजबूत किया।
(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी
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