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भैरव तुम्बड़ी महोत्सव इस बार एक से पांच सितम्बर तक

भैरव तुम्बड़ी महोत्सव इस बार एक से 5 सितम्बर तक : 52 भैरव पूजन, अभिषेक, अर्चन, यज्ञ व प्रतिभा सम्मान होगा

बीकानेर, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । सियाणा भैरव के अनन्य भक्त भैरव साधक तुम्बड़ी वाले बाबा छोटूलालजी ओझा की पावन स्मृति में संभाग मुख्यालय की रचनात्मक सांस्कृतिक संस्था रमक झमक द्वारा एक सितंबर से होने वाला पांच दिवसीय ‘भैरव तुम्बड़ी महोत्सव’ इस बार बहुत विशिष्टता लिए होगा। इस दौरान पांच दिवसीय आयोजन में सियाणा भैरव मेले से पूर्व भैरव तुम्बड़ी महोत्सव में 52 भैरव पूजन, 52 व्यंजन व अर्चन होंगे।

उल्लेखनीय है कि छोटीकाशी नाम से विश्वविख्यात बीकानेर शहर में मेले मगरिये का माहौल है सब लोग सेवा पूजा के क्षेत्र में अपनी–अपनी तैयारियां कर रहे हैं, वहीं सियाणा भैरव मेले से पूर्व प्रतिवर्ष शहर की परकोटे में अत्यधिक सक्रिय रहने वाली सांस्कृतिक संस्था रमक झमक द्वारा भैरव साधक छोटूजी ओझा की स्मृति में तुम्बड़ी सम्मान समारोह किया जाता है। रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ के मुताबिक इस वर्ष का आयोजन 5 दिवसीय तुम्बड़ी महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। पांच दिवदीय आयोजन में 52 भैरव की स्थापना व पूजन होगा। उनका प्रतिदिन पंचोपचार पूजन होगा तथा प्रतिदिन विशेष प्रकार का पूजन अर्चन, अभिषेक, श्रृंगार, पाठ आदि होगा। इसमें 52 प्रकार की सामग्री होगी। पूर्णाहुति के बाद ये 52 नारियल भैरव मंदिर में आरती व धूप हेतु दे दिए जाएंगे।

महोत्सव में भैरव स्तोत्र, भैरव स्तुति, भैरव कष्टहरम गीत तांडव नृत्य गान करेंगे व कष्ट हरने खुशहाली की मंगल प्रार्थना करेंगे। भैरव भक्त छोटूजी ओझा द्वारा रचित भैरव तुम्बड़ी गायी जाएगी। भैरव भक्तों को रमक झमक द्वारा प्रकाशित प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ द्वारा सम्पादित ‘भैरव भजन, स्तोत्र, पूजन आदि की पुस्तक ‘तुम्बड़ी’ निःशुल्क दी जाएगी। रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ ने बताया कि भैरव यज्ञ भी होगा। यज्ञ में लोंग इलायची, कमल गट्टा, पंचमेवा व अनेक वनस्पतियों के मिश्रण भैरव शतनाम पाठ से आहुतियां दी जाएगी तथा 52 भैरव नाम की विशेष अलग अलग प्रकार की आहुतियां दी जाएगी। यज्ञ में सिर्फ देशी गाय के कण्डे व देशी गाय के बिलोने का घी उपयोग लिया जाएगा। साथ ही साथ शहर मे भादवा महीना मेले मगरिये वाला भक्ति आस्था व सांस्कृतिक एकता वाला महीना कहा जाता है, इसमें आ रहे बदलाव और हमारी जिम्मेदारियों पर भी चर्चा होगी। जिसमें विद्वजन साहित्यकार कवि भाग लेंगे।

महोत्सव के दौरान कई संत महात्मा, विद्वान पंडितजन पधारेंगे जो बाबा भैरवनाथ की महिमा बताएंगे व इस कलयुग में व भौतिक युग भैरवनाथ को मनाने से क्या लाभ है, उस पर विस्तृत प्रकाश डालेंगे। इस दौरान तुम्बड़ी सम्मान अलंकरण सम्मान की जानकारी देते हुए रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ ने बताया कि भैरव भक्त, भैरव साधक, स्वयं सेवक, मूर्ति का श्रृंगार करने वाले, भैरवनाथ पर फ़िल्म बनाने वाले, भैरवनाथ के भजन गाने वाले गायक व विभिन्न शहर व शहर के अलावा अन्य शहरों के भैरव मंदिरों के पुजारियों का सम्मान किया जायेगा। इस बार बीकानेर के अलावा सीकर, तोलियासर, जयपुर, कोलकाता, पंजाब से भैरव नाथ से जुड़े विशिष्टजनों को तुम्बड़ी सम्मान अलंकरण नाम प्राप्त हुए है उनका सम्मान किया जाना है। एक सेवक को विशिष्ट सम्मान स्वरूप तुम्बडी दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि इस बार 4 तारीख को बीकानेर में तुम्बड़ी सम्मान के अलावा सियाणा गाँव में लगने वाले भैरव मेले में गाँव के बुजुर्ग भक्त एवं पुजारी जो बीकानेर आयोजन में शामिल नहीं हो पाएंगे को वहां मेला मैदान सम्मानित किया जाएगा व उन्हें प्रतीकात्मक तुम्बड़ी भी दी जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / राजीव / संदीप

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