
जयपुर, 6 जून (Udaipur Kiran) । क्षत्रिय युवक संघ के वरिष्ठ संरक्षक भगवान सिंह रोलसाहबसर का गुरुवार रात 10:15 बजे जयपुर के एसएमएस अस्पताल में निधन हो गया। वे 24 मई से अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन से पूरे क्षत्रिय समाज में शोक की लहर दौड़ गई है। समाज के लोगों के साथ ही कई राजनीतिक हस्तियों ने भी गहरा दुःख व्यक्त किया है।
भगवान सिंह रोलसाहबसर के निधन पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित अनेक नेताओं ने शोक व्यक्त किया।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक्स पर पाेस्ट में लिखा कि “श्रद्धेय रोलसाहबसर साहब के साथ बिताए पल और उनकी शिक्षाएं सदैव स्मरणीय रहेंगी। यह मेरे लिए एक निजी क्षति है। उनके जैसे पितृतुल्य व्यक्तित्व की कमी समाज हमेशा महसूस करेगा।”
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने लिखा कि “भगवान सिंह रोलसाहबसर के निधन का दुखद समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और पूरे क्षत्रिय समाज के साथ हैं।”
भगवान सिंह रोलसाहबसर ने अपने जीवन के 40 साल से अधिक समय श्री क्षत्रिय युवक संघ को समर्पित किया। वे 1989 से संघ के सक्रिय और आदर्श नेतृत्वकर्ता रहे। उन्होंने समाज में नैतिकता, चरित्र निर्माण और संस्कृति के उत्थान के लिए कई कार्य किए। समाज के हर वर्ग को संघ की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उन्होंने नए प्रयास किए और बदलते समय के अनुसार समाज को सही दिशा दी।
भगवान सिंह ने समाज और जनप्रतिनिधियों के बीच की दूरी को कम करने के लिए ‘श्री प्रताप फाउंडेशन’ की स्थापना की। यह मंच समाज और राजनीति को जोड़ने वाला एक सशक्त माध्यम बन गया। इसके माध्यम से वे समाज के हितों की आवाज को प्रभावी रूप से उठाते रहे।
भगवान सिंह का आध्यात्मिक पक्ष भी उतना ही मजबूत था। वे ‘यथार्थ गीता’ के प्रणेता स्वामी अड़गड़ानंद महाराज से प्रभावित रहे। उन्होंने स्वामीजी के साथ मिलकर पूरे देश में आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने का कार्य किया और समाज को जीवन के सच्चे अर्थों से अवगत कराया।
भगवान सिंह ने चार जुलाई 2021 को क्षत्रिय युवक संघ का नेतृत्व लक्ष्मण सिंह बैण्यांकाबास को सौंप दिया था। इसके बाद वे संघ में संरक्षक और मार्गदर्शक की भूमिका में रहे। उनके मार्गदर्शन में संघ और समाज ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। रोलसाहबसर के निधन से न केवल क्षत्रिय युवक संघ, बल्कि पूरा राजस्थान और देशभर का क्षत्रिय समाज एक सशक्त मार्गदर्शक, नीतिवान नेता और संवेदनशील चिंतक को खो चुका है। समाजजन ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प दोहराया है।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
