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भारतीयता की पहचान है भगवद् गीता, जो विश्व को एक कुटुंब बना सकती है: प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा

मंडी, 11 दिसंबर (Udaipur Kiran) । आईआईटी मंडी के निर्देशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि भगवद् गीता भारतीयता की पहचान है। एक ऐसी धरोहर जो पूरे विश्व को एक कुटुंब बना सकती है। जिला मंडी की अग्रणी शिक्षण संस्था एस.वी. एम. वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, मंडी में गीता जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने अपने संबोधन में कहा कि आज से पांच हजार दो सौ इकावन वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने कुरूक्षेत्र के युद्ध मैदान में धनुर्धर अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।

उन्होंने कहा कि अपने पिता की प्रेरणा से उन्होंने 1988 से भगवद् गीता का पाठ शुरू किया जो अब तक जारी है। प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि सनातन धर्म मानने वालों ने जीवन से गीता को अलग कर दिया। जबकि इस्लाम धर्म मानने वाले कुरान और ईसाई धर्म मानने वाले बाईबल को पढ़ते हैं। जबकि भगवद् गीता है तो किसी भी पुस्तक की जीवन में जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि गीता जयंती साल में एक बार मनानेके बजाय हर रोज गीता जयंती होनी चाहिए। आईआईटी मंडी के निर्देशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने जर्मन के बड़े संस्थानों में गीता का पाठ होता है। वहीं पर महान वैज्ञानिक आईस्टान ने भी गीता का पाठ किया है। उन्होंने कहा कि जहां धर्म है वहां विजय है। उन्होंने कहा कि कई पीढिय़ों और सभ्यताओं को समय ग्रास कर चुका है। यहां कुछ भी स्थाई नहीं है जिसने जन्म लिया है उसका अंत होना ही है। हमने अपनी आंखों से सोवियत संघ को टूटते देखा है और बर्लिन की दीवार को ढहते हुए देखा है।

उन्होंने छात्र.छात्राओं व अध्यापक वर्ग से कहा कि वह गीता को अपने जीवन में उतारें और इसे दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं। पाठशाला के छात्र-छात्राओं ने श्लोकों का गायन, गीता को लेकर भाषण प्रतियोगिता, नाटक, संस्कृत नाटी, समूह गान आदि कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। श्लोंकोच्चारण प्रतियोगिता में नवमीं कक्षा की मान्या ने प्रथम, सातवीं कक्षा के कार्तिक ने द्वितीय व नवमीं कक्षा के मानव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं भाषण प्रतियोगिता में दसवीं कक्षा की कुमकुम ने प्रथम, नवमीं कक्षा की श्रान्या ने द्वितीय, ग्यारहवीं कक्षा की श्रेया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने विजेता छात्र-छात्राओं को स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र भेंट किए। प्रबंध समिति से उपाध्यक्ष रजनी गोयल, सचिव निर्मला कात्यायन, कोषाध्यक्ष स्नेह लता चोपड़ा व सदस्यों में आशुतोष पाल चोपड़ा, श्ऱति गोयल वैद्य तथा प्रधानाचार्य डा. उमेश मंडयाल, उप-प्रधानाचार्य गुरचरन सिंह, अध्यापक वर्ग व छात्र छात्राएं व उनके अभिभावक भी इस समारोह में उपस्थिति रहे। कार्यक्रम के अंत में पाठशाला के प्राचार्य डा.् उमेश मंडयाल ने धन्यवाद प्रस्ताव सहित सबका आभार व्यक्त किया।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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